फतहनगर। मानसून की विदाई का समय है लेकिन पिछले चार-पांच दिनों से जाता हुआ मानसून खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। रोजाना ऐसा लगता है जैसे बारिश आज नहीं होगी लेकिन शाम होते होेते न जाने कहां से बादल घिर आते हैं और बारिश कर चले जाते हैं। इस वक्त खरीफ की फसलें पूरी तरह से सूख चुकी है लेकिन पानी गिरने के कारण किसान इन फसलों को नहीं समेट पा रहे हैं। खेतों में मक्का की फसलें भुट्टे समेत टूट कर गिर रही है तथा पानी गिरने से मक्का के भुट्टों में पुनः अंकुरण होने लगा है। काश्तकार पहले ही नील गायों के प्रकोप से परेशान है और बारिश के कारणर इनकी परेशानी बढ़ गई है। बुधवार की शाम भी बारिश की बूंदों ने सड़कों को तर कर दिया तथा मौसम ठण्डा हो गया। दिन में गर्मी और शाम को ठण्डक ने मौसम के मिजाज को अजीब स्थिति में ला दिया है। इससे लोगों को मौसमी बीमारियां भी होने लगी है।