उदयपुर। लवीना विकास सेवा संस्थान आज एक बार फिर दो बालकों का सहारा बना जब दो बालक सौतेली मां एवं शराबी पिता से तंग आकर सूरत के लिए निकल पड़े।
बताया गया कि नाल मौखी निवासी तेरह वर्षीय डालूराम व दस वर्षीय लक्ष्मण गमेती सौतेली मां के अत्याचार से तंग आकर एवं पिता द्वारा शराब के नशे में मारपीट करने से वे पैदल गोगुन्दा से सुरत की बस में सवार होने निकले। राहगीरों की नजर पड़ने पर गोगुन्दा उपखण्ड प्रशासन को सूचना मिलने पर क्षेत्र में कार्यरत लवीना विकास सेवा संस्थान के निदेशक भरत कुमार पूर्बिया को उपखण्ड कार्यालय पर बुलवाया गया जहां पर उपखण्ड अधिकारी हनुमान सिंह ने बालको से वार्ता कर बयान लिए। संस्थान निदेशक भरत कुमार पूर्बिया को बालको की काउंसलिंग रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मौके पर उपखण्ड अधिकारी, गोगुन्दा को दोनो बालको ने बताया कि घर पर खाने के दाने दाने को मोहताज हो गए थे। दोनो बालको को ओंगना से कोटड़ा भेजा गया था जहां उनका मन नहीं लगा तो वे घर आए। घर पर सौतेली मां के अत्याचार व पिता के शराब का आदी होने से परेशान मासूमो ने सूरत जाकर साड़ियां समेटने की सोच वे ट्रावेल्स में बैठने के लिए रवाना हुए परन्तु गोगुन्दा उपखण्ड अधिकारी के प्रयास से दोनो बालक लवीना विकास सेवा संस्थान के ओपन शेल्टर होम,ओंगना में पढ़ने के नाम से उनके चेहरे खिल उठे। उक्त मामले के बारे में संस्थान निदेशक पूर्बिया द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीजी कुलदीप शर्मा को अवगत कराया गया। साथ ही संस्थान निदेशक पूर्बिया द्वारा बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ध्रुव कुमार कविया एवम सदस्य सुरेशचंद शर्मा से बालको के शेल्टर के आदेश लिए गए। व्यवस्थापिका प्रमीला पूर्बिया द्वारा बालको की काउंसलिंग कर स्टाफ मिठूलाल से बालको का मेडिकल करवाया गया।