मावली. अंतरराष्ट्रीय हिंदी सेवी संस्थान प्रयागराज ने संस्कार ज्योति के संस्थापक ,संपादक, ह्रदय परिवर्तन आंदोलन के जनक ,लेखक ,पत्रकार, साहित्यकार ,समाज रत्न दली चंद दिव्येश को विद्यावाचस्पति( डॉक्टरेट) की मानद उपाधि से अलंकृत किया है।
संस्थान के प्रधान मंत्री स्वामी प्रेमानंद गिरि के अनुसार 2 अप्रैल 2020 को पठानकोट( पंजाब) में आयोजित समारोह में साहित्यकार दली चंद दिव्येश को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाना था परंतु वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण संपूर्ण भारत में लोक डाउन होने से कार्यक्रम निरस्त करना पड़ा। उसके बाद अभी तक स्थिति सामान्य नहीं होने से ऑनलाइन अलंकरण प्रदान किया जा रहा है। दिव्येश द्वारा विगत वर्षों की संपादित क्रियान्वित विशिष्ट साहित्य एवं समाज सेवाओं और उपलब्धियों के आधार पर संस्थान की कार्यपरिषद की अनुशंसा एवं निर्णय के अनुसार आप विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से विभूषित किए गए हैं।
संस्कार ज्योति साहित्यिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान मावली के मंत्री नरेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय प्रांतीय स्तर पर विभिन्न संस्थाओं ने साहित्यकार एवं समाजसेवी दली चंद दिव्येश को 17 अलंकरण एवं 28 प्रशस्ति पत्र प्रदान कर विभूषित किया।
दिव्येश को विभिन्न संस्थाओं द्वारा मंगल बधाई संदेश प्राप्त हो रहे है।