फतहनगर। क्षेत्र में गुरुवार को दशामाता का पर्व पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। इस दौरान सुबह जल्द महिलाओं ने परिवार की सुख समृद्धि के लिए पूजन किया। दशा माता पूजन होली दहन के अगले दिन से शुरू होता है। दस दिन तक दशा माता की पूजा-अर्चना की जाती है। महिलाएं घर की दशा सुधारने की कहानियां सुनाती हैं। दशा माता के पूजन के बाद सूत की बेल को महिलाओं ने धारण किया। नगर के अखाड़ा मंदिर में महिलाएं अलसुबह से ही पीपल की पूजा करने व कथा सुनने पहुंची। महिलाओं ने पीपल के वृक्ष पर कच्चा सूत लपेटने के साथ ही परिवार की समृद्धि की कामना की। नगर के विभिन्न स्थानों पर भी महिलाओं ने दशामाता पूजन किया। महिलाओं ने कच्चे सूत की 10 गांठ की वेल बनाकर पीपल माता वृक्ष पर कुमकुम, मेहंदी, लच्छा, सुपारी आदि से पूजा कर कथा सुनकर वेल को गले में धारण की। उसके बाद घर पहुंचकर मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाकर पीपल के छाल को घर की तिजोरी या अलमारी में रखा। ईंटाली में भी महिलाओं ने दशामाता का पूजन किया। सनवाड़,चंगेड़ी समेत आस पास के ग्रामीण इलाकों में भी दशामाता का पर्व मनाया गया।
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