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उदयपुर

देवस्थान विभाग की देवदर्शन पदयात्रा में भक्तिमय हुई लेकसिटी,देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने की शिरकतः विरासत में मिलते हैं संस्कार, इन्हें सहेजने की जरूरत- शकुंतला रावत

उदयपुर 16 अप्रैल। राज्य सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से रविवार को वैशाख माह की एकादशी पर उदयपुर शहर में आयोजित देवदर्शन पदयात्रा से वातावरण भक्तिमय हो गया। इस शुभ अवसर पर देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने शिरकत की और यात्रा के दौरान भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को गोद में लेकर नंगे पैर पदयात्रा कर इस आयोजन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को गोद में लेकर नंगे पैर पदयात्रा करते मंत्री और अन्य विशिष्टजनों को देखने के लिए गलियों में शहरवासी उमड़ पड़े और उन्होंने पुष्पवृष्टि कर इस यात्रा का स्वागत किया। इस दौरान केबिनेट मंत्री ने उदयपुरवासियों से आह्वान किया कि भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में विशिष्ट व पूजनीय है और हमें संस्कार विरासत में मिलते हैं इन्हें सहेजने की महती आवश्यकता है।

11 मंदिरों में देवदर्शन के साथ हुई पदयात्रा:
इसमें गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर से चांदपोल होते हुए अमराई घाट तक आयोजित इस पदयात्रा में देवस्थान विभाग के राजकीय आत्मनिर्भर एवं राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार वाले 11 मंदिरों पर देवदर्शन के साथ विधिवत पूजा अर्चना की गई। देवस्थान मंत्री श्रीमती रावत ने सिटी पैलेस समीप स्थित गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर में दर्शन कर पदयात्रा का शुभारंभ किया। गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर से प्रारंभ होकर ये यात्रा जगत शिरोमणिजी मंदिर, जवान रूपेश्वरजी, जगन्नाथराय जी (जगदीश मंदिर), जवान सूरज बिहारीजी मंदिर, प्रताप नारायणजी, धनेश्वरजी, पांच महादेव, भीम परमेश्वरजी, उदयश्यामजी फिरंगी घाट होते हुए अमराई घाट स्थित सरदार स्वरूप श्यामजी मंदिर पहुंचकर आरती के साथ संपन्न हुई। इस पदयात्रा के दौरान श्रद्धालु भजन कीर्तन और नृत्य के कृष्णभक्ति के माहौल में रंगे हुए दिखाई दिए।

नई पीढ़ी को संदेश देने हुआ आयोजन:
इस अवसर पर देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राजधानी जयपुर में पहले आयोजन के बाद उदयपुर का यह आयोजन नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति, हमारी धरोहर, हमारी कला और परंपराओं की पहचान और उनके प्रति जागरूकता के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी जो मोबाइल की ओर ज्यादा आकर्षित हो रही है, उसे ईश्वरत्व की ओर आकर्षित करने का यह प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह भीड़ जुटाने का नहीं बल्कि संस्कृति के प्रति जागरूकता का कार्यक्रम है और इस पदयात्रा से यही संदेश देना चाहते हैं कि देवस्थान विभाग के मंदिर हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं।

इन्होंने लिया पदयात्रा में भाग:
इस यात्रा में वल्लभनगर विधायक प्रीति गजेन्द्रसिंह शक्तावत, राज्यमंत्री जगदीशराज श्रीमाली, जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा, देवस्थान आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम, ओपी जैन, शैलेन्द्र शर्मा, पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया व सज्जन कटारा, समाजसेवी गोपालकृष्ण शर्मा, पंकज कुमार शर्मा, विवेक कटारा, देवकीनंदन गुर्जर, हरिवल्लभ गुर्जर, जिला परिषद सदस्य कामिनी गुर्जर, सुधीर जोशी, दिनेश श्रीमाली, अजय पोरवाल, गिरीश भारती, गोपाल नागर, सीमा पंचोली, गीता सुहालका, चंदा सुहालका, विद्या शर्मा, नेहा कुमावत, शांता प्रिन्स, कौशल आमेटा, इस्कॉन के प्रतिनिधियों सहित कई प्रबुद्धजन और आला अधिकारियों ने पदयात्रा की।

विदेशी सैलानी भी झूमते दिखाई दिए:
इस पदयात्रा के दौरान शहर के जगदीश चौक पर्यटन क्षेत्र में देश-विदेश से आए पर्यटक भी इस पदयात्रा में झूमते दिखाई दिए। विदेशी सैलानियों ने चन्दन तिलक लगवाकर हरे कृष्णा-हरे राम की धुन पर उत्साह के साथ नृत्य किया और पदयात्रा में दृश्यों को अपने कैमरों में कैद किया।

ओल्ड सिटी की गलियों में गंूजा हरे रामा-हरे कृष्णा:
शहर के प्रमुख पर्यटन क्षेत्र सिटी पैलेस से गणगौर घाट के बीच की क्षेत्र रविवार की अल सुबह से भक्तिरस में डूबा दिखाई दिया। इस्कॉन एवं हरे कृष्णा के प्रतिनिधियों ने सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर स्थित गुलाब स्वरूप बिहारी जी मंदिर से ढोलक एवं मंजीरों के साथ अन्य वाद्य यंत्रों की ताल पर हरे कृष्णा-हरे रामा का राग छेड़ा। यात्रा प्रारंभ से लेकर समाप्ति तक ओल्ड सिटी की गलियों में हरे कृष्णा-हरे रामा का यह राग गंूजता रहा। वहीं गणगौर घाट पर लोक कलाकारों की भजन प्रस्तुतियों पर श्रृद्धालु पदयात्री खुद को रोक नहीं पाए।

जगह-जगह हुआ स्वागत:
इस पदयात्रा के दौरान हर शहरवासी ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। पदयात्रा के दौरान सभी मंदिरों के बाहर एवं पदयात्रा मार्ग के दौरान पुष्पवर्षा की गई और पदयात्रियों का स्वागत किया गया। वहीं कई भक्तजनांें द्वारा मार्ग में पदयात्रियों के लिए जलपान, अल्पाहार, आइस्क्रीम आदि की व्यवस्था करते हुए हर वर्ग ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।

समापन समारोह को किया संबोधित
देवदर्शन पदयात्रा के समापन दौरान अमराई घाट पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द के साथ अमन-चैन का वातावरण बना रहे, इसके लिए उन्होंने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया है और उदयपुर शहर में इस कार्यक्रम में हर वर्ग की जनभागीदारी ने मुख्यमंत्री की इस मंशा को साकार करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है, इसके लिए ने आप सभी की आभारी हूं।

झीलों की नगरी है मंदिरों की नगरी:
उन्होंने कहा कि सरकार के इस कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे पुरातन मंदिरों के इतिहास, जानकारी और लोकसंस्कृति से आमजन को गौरवांवित करवाना है। उन्होंने यह भी कहा कि आप सभी उदयपुरवासी बड़े भाग्यशाली है और शहर में हर क्षेत्र में लगभग 10 मीटर की दूरी पर एक मंदिर होना यहां की लोक संस्कृति के परिचायक है। यह झीलों की नगरी के साथ-साथ मंदिरों की नगरी भी है।

5 साल के रुद्रादित्य ने बांधा समां:
समापन कार्यक्रम के दौरान नाथद्वारा मंदिर मंडल के कीर्तनकारांे द्वारा विभिन्न रागों में भजनों की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान मंडल के 5 साल के कीर्तनकार रुद्रादित्य ने सुर और ताल के अनूठे संगम के बीच ‘‘मधुबन में राधिका नाचे रे….’’ की मनमोहक प्रस्तुति ने सभी को प्रभावित किया। मंत्री श्रीमती रावत ने रुद्रआदित्य को प्रोत्साहन स्वरूप नकद पुरुस्कार और आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि रुद्रादित्य ही सही मायनों में लड्डू गोपाल का प्रतिरूप है। विधायक प्रीति शक्तावत ने भी रुद्रादित्य को दुलार दिया।

युवा पीढ़ी को संस्कारों से जोड़ना होगा:
मंत्री श्रीमती रावत ने इस नन्ही प्रतिभा से प्रभावित होकर कहा कि आज की युवा पीढ़ी को ऐसे संस्कारों से जोड़ने की महत्ती आवश्यकता है। अब अपने घर, परिवार, समाज में बच्चों को दैनिक पूजा अर्चन के साथ होने वाले धार्मिक आयोजनों से जोड़े ताकि वे हमारे संस्कार संस्कृति से परिचित हो और सर्वत्र एक सकारात्मक वातावरण बने। उन्होंने मौजूद लोगों को वैशाखी एकादशी के साथ 16 अप्रेल को आयोजित होने वाले पुलिस दिवस की भी बधाई दी।

तीर्थयात्रा से वरिष्ठजनों को मिला तोहफा:
मंत्री श्रीमती रावत ने कहा कि हमारे विभाग की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना कई वरिष्ठजनों के सपनों को पूरा किया है। आज मुख्यमंत्री ने एक बेटे जैसा फर्ज निभाते हुए वरिष्ठ जन को रेल, हवाई एवं सड़क मार्ग से तीर्थयात्रा का तोहफा देकर एक मिसाल कायम की है। उन्होंने ओपीएस, सामाजिक सुरक्षा योजना और कृषक कल्याण योजनाओं सहित औद्योगिक प्रोत्साहन योजनाओं की भी विस्तार से जानकारी दी।

चिरंजीवी योजना साबित हुई है वरदान:
मंत्री श्रीमती रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की सबसे महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ बीमा योजना प्रदेशवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। उन्होंने कहा कि मुझे कई लाभान्वित मिले जिन्होंने इस योजना को संजीवनी बताया है और कहा कि आज इस योजना ने हमारे परिवार को फिर से खुशियां दी है। स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर क्रियान्वन से आज राजस्थान मॉडल बना है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी और इनका लाभ उठाने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने किया। आभार देवस्थान आयुक्त प्रजा केवलरमानी ने किया।

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