उदयपुर, 9 अगस्त। समिधा दृष्टि – दिव्यांग मिशन की ओर से महाविद्यालय के दृष्टिहीन छात्रों के लिए गोवर्धन विलास सामुदायिक केंद्र में संचालित छात्रावास में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस पर संवाद परिचर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम की विशेषता थी कि यहां अध्ययनरत सभी वर्ग व समाज के विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से उल्लास के साथ भाग लिया।
मुख्य अतिथि उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन थे। अध्यक्षता समाजसेवी चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने की। इस अवसर पर दृष्टिबाधित छात्र देवेंद्र मीणा, मुकेश जाट आदि ने अपने संबोधन में कहा कि अब तक दूर- दराज के क्षेत्र में रहने वाला जनजाति का सामान्य एवं निर्धन वर्ग का परिवार स्वयं को उपेक्षित महसूस करता था। लेकिन, कुछ सालों पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आदिवासी परिवार की द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वाेच्च राष्ट्रपति के पद पर आसीन किया। उसके बाद से जनजाति का उपेक्षित महसूस करने वाले वर्ग का आत्मविश्वास बढ़ा है। जनजाति का यह वर्ग अब मुख्यधारा में लौट आया है। विधायक ताराचंद जैन ने अपने संबोधन में दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को विश्वास दिलाया कि वे उनकी डिग्री होने के बाद सरकारी नौकरी अनिवार्य रूप से लगे इसके लिए हर समय, हर संभव प्रयास करेंगे। विधायक जैन ने कहा कि दृष्टिबाधित विद्यार्थी किसी के भरोसे नहीं है। वे स्वावलंबी हैं। ईश्वर की महिमा है कि यदि किसी इंसान में कोई शारीरिक कमी रह जाती है तो उसे दो अतिरिक्त विशेष गुण प्रदान किए हुए होते हैं।
चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने शहर विधायक ताराचंद जैन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से इन दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को आश्रय स्थल उपलब्ध कराया गया। इसका परिणाम है कि पिछले कुछ माहों में यहां के चार विद्यार्थियों का चयन सरकारी सेवा में हुआ है। कुछ अन्य के साक्षात्कार हो चुके हैं। उनके भी सरकारी सेवा में चयनित होने की पूरी उम्मीद है। आयोजन में संस्था के उपाध्यक्ष संजय चतुर्वेदी, समाराम सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे।
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