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आरटीडीसी की बंद इकाईयों को चालू करने के लिए कार्य योजना बनाई,
नई पर्यटन नीति शीघ्र जारी की जाएगी
100 करोड़ रुपये की राशि का ‘पर्यटन विकास कोष’
-पर्यटन मंत्री
जयपुर, 13 मार्च। पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन को गति देने के लिए कई नए कार्य कर रही है। आरटीडीसी की बंद 16 इकाईयों को चालू करने के लिए कार्य योजना बनाई गई है। शीघ्र ही नई पर्यटन नीति जारी की जाएगी। पहली बार बजट में पर्यटन विभाग के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह गुरूवार को विधानसभा में मांग संख्या -47 पर्यटन की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने पर्यटन की 84 करोड़ 73 लाख 68 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि वर्ष 2013-14 की बजट घोषणा में जयपुर की खासा कोठी और आनन्द भवन होटल के जीर्णोद्धार के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। कार्य आरंभ कर कुछ राशि व्यय की गई, लेकिन सरकार बदलने पर यह काम बंद कर दिया गया और इन्हें निजी हाथों में देने के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति कर दी गई थी। अक्टूबर, 2018 में इसके भवन के कुछ हिस्से को स्किल यूनिवर्सिटी को किराये पर दे दिया गया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद पुनः कार्य शुरू कराकर स्वीमिंग पूल का जिर्णोद्धार कराया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दोनों होटल्स को आत्म निर्भर बनाने की कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा कि नागौर में अमरसिंह की छतरी एवं कोडमदेसर में भेंरूजी का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। सेठानी के जोहड़ का कार्य 85 लाख रुपए की लागत से कराया जा रहा है।
श्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले पांच साल में राज्य में पर्यटन फाइनेंसियल एंड फिजिकल वेंटिलेटर पर था। उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले राज्य में आरटीडीसी की ओर से 43 इकाईयों का संचालन किया जा रहा था। पिछली सरकार ने महत्वपूर्ण बहरोड मिड वे सहित 16 इकाईयों को बंद कर दिया। हमारी सरकार ने इन इकाईयों के पुनः संचालन के लिए कार्य योजना तैयार कराई है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन को गति देने के लिए नई पर्यटन नीति बनाने का कार्य शुरू किया गया है। सभी स्टेक होल्डर्स की राय जानकर राज्य की नई पर्यटन नीति का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। उन्होंने सभी विधायकों के सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा कि नई पर्यटन नीति शीघ्र ही जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की भरपूर संभावना है। उनका सपना है कि राजस्थान पहुंचने वाला पर्यटक हर जिले में एक रात और हर संभाग मुख्यालय पर दो रात गुजारें। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक पर्यटन संभावना का केवल 40 फीसदी ही एक्सप्लोर किया जा सका है। शेष 60 प्रतिशत के लिए विभाग कार्यवाही कर रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग डेजर्ट टूरिज्म के लिए कार्य चालू कर रहा है।
उन्होंने आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में 100 करोड़ रुपये की राशि के ‘पर्यटन विकास कोष’ के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने राज्य में हैरिटेज सम्पत्तियों के जीर्णाेद्धार, संरक्षण व विकास के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा हाल ही में युनेस्को के साथ एक एमओयू किया गया है, जिसमें पश्चिमी राजस्थान के चार जिलों बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर एवं जैसलमेर में इन्टेजिबल कल्चरल हैरिटेज को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा इसके साथ 10 सांस्कृतिक स्थलों का विकास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की घोषणाओं पर प्रभावी कार्य किया गया है, जिसमें जयपुर में वाल्ड सिटी व्हीकल फ्री हैरिटेज वॉक प्रारम्भ कर दी जायेगी।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य में कई प्रकार के पर्यटन विकास कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि लक्ष्मणगढ़, सीकर में 15 करोड़ की लागत से इकोलॉजिकल पार्क, विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा, जोधपुर में एक करोड़ 10 लाख की लागत से गंगलाव तालाब का विकास, टोंक में डेढ़ करोड़ की लागत से सुनहरी कोठी एवं तेलियों के तालाब का जीर्णोद्धार व विकास तथा डीग शहर में ढाई करोड़ की लागत से प्रवेश द्वारों का निर्माण एवं जवाहर प्रदर्शनी मेला ग्राउण्ड के विकास कार्यों के प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटन सीधे रूप से केन्द्र से जुड़ा हुआ है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार से राशि रिलीज करवाने के लिए पक्ष-विपक्ष से मिलकर प्रयास करने का आग्रह किया।
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