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पूर्व महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ को श्रद्धांजलि

उदयपुर, 18 नवम्बर। मेवाड़ राजवंश के 76वें महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ के देवलोकगमन से मेवाड़ सहित पूरे राजस्थान में शोक की लहर है। उनके निधन ने मेवाड़ के इतिहास और संस्कृति के प्रति गहरी श्रद्धा रखने वालों को व्यथित किया है।
भारतीय इतिहास संकलन समिति, चित्तौड़ प्रांत के पदाधिकारियों ने सोमवार को श्रद्धांजलि अर्पित करने समोर बाग पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूर्व महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने जीवनकाल में मेवाड़ की गौरवशाली परम्पराओं और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाए रखा। महाराणा महेंद्र सिंह जी का जीवन मेवाड़ की समृद्ध परंपराओं का प्रतीक था। उनके जीवन का आदर्श वाक्य ष्जो दृढ़ राखे धर्म को, ताहि राखे करतारष् उनके कार्यों में परिलक्षित होता था। वे न केवल एक कुशल प्रशासक थे, बल्कि भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति और विरासत के संरक्षण के प्रति भी पूर्णतः समर्पित थे।
समिति सदस्यों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनकी महानता और योगदान को याद किया। समिति ने उनके परिवार और मेवाड़ की जनता के प्रति संवेदनाएं प्रकट कीं। समिति के राजस्थान क्षेत्र अध्यक्ष डॉ. मोहनलाल साहू, क्षेत्र संगठन मंत्री छगनलाल बोहरा, चित्तौड़ प्रांत अध्यक्ष डॉ. मोहनलाल श्रीमाली, महामंत्री डॉ. विवेक भटनागर, प्रांत संगठन सचिव रमेश शुक्ला, प्रांत प्रचार प्रमुख कौशल मूंदड़ा, उदयपुर जिला अध्यक्ष डॉ. जीवन सिंह खरकवाल, जिला महामंत्री चैनशंकर दशोरा, महानगर अध्यक्ष डॉ. महामायाप्रसाद चैबीसा, महानगर कोषाध्यक्ष ओम खोखावत सहित अन्य सदस्यों ने उनके योगदान को याद किया और कहा कि उनकी विरासत सदैव अमर रहेगी।  
इतिहास और योगदान
-दिवंगत पूर्व महाराणा महेन्द्र सिंह के पिता पूर्व महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ ने 1960 में उदयपुर को पर्यटन और होटल व्यवसाय का केंद्र बनाने की नींव रखी। पूर्व महाराणा महेंद्र सिंह ने इस पहल को अपने कुशल प्रबंधन और दूरदृष्टि से ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में 1969 में ष्महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशनष् और एक संग्रहालय की स्थापना की गई, जो आज भी मेवाड़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर रहा है। उन्होंने पिछोला झील में स्थित जग निवास (लेक पैलेस) को विश्वस्तरीय होटल के रूप में विकसित किया, जिसे 5 सितारा दर्जा प्राप्त हुआ। उनके योगदान के कारण उदयपुर आज विश्व पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र है। महाराणा महेंद्र सिंह न केवल एक प्रखर नेतृत्वकर्ता थे, बल्कि समाजसेवा में भी अग्रणी रहे। उन्होंने चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र का नेतृत्व करते हुए पांच वर्षों तक जनता की सेवा की। उन्होंने क्षेत्रीय विकास और जनता के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य किया।

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