फतहनगर। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत ने मावली विधानसभा द्वोत्र के विभिन्न गांवों का दौरा कर समस्याएं जानी।
चपलोत ने शांतिलाल कावड़िया के साथ गुडली के उच्च माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। कमरे जर्जर हालत में पाए गए। वहां के पानी में फ्लोराइड की समस्या भी है जिससे भी बच्चों को शुद्ध जल नहीं मिल पा रहा है और गांव के लोगों को भी शुद्ध जल नहीं मिल पा रहा है। वहाँ के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था करने के लिए तालाब बनाने की आवश्यकता है। ओडवाडिया में पानी की कमी है। इसके लिए भी लोगों को आश्वासन दिया कि मैं पानी की व्यवस्था कर लूंगा। खेमली में वहाँ के स्थानीय देवीलाल सरपंच सा. को साथ लेकर फसलों का जायजा लिया तो पाया कि वहाँ की फसलें ओलावृष्टि के कारण खराब हो गई है और बहुत से किसानों को नुकसान हुआ है। प्राकृतिक आपदा आने की वजह से उसके भी मुआवजे के लिए बात की। सांगवा एवं रख्यावल गांव में भी पानी की व्यवस्था देखी तथा पाया कि पानी की कमी है। घासा गांव में फसलों को नुकसान हुआ। माणकावास में रोड़ खराब है जिसे ठीक करवाने के लिए आश्वासन दिया। घासा खेड़ी, धोली मंगरी में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है और पानी में फ्लोराइड है। वहाँ की रोड भी खराब है। पलाना कला तथा अन्य गांवों का दौरा भी किया जहां पाया कि सभी जगह पानी व रोड खराब है। फतहनगर में भी लोगों की समस्याएं जानी। साकरिया खेड़ी व बोयणा में भी पीने की पानी की व्यवस्था नहीं है और सभी जगह पाया कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है। यहां सरपंच जीवनसिंह साथ थे। गांव के अंदर की तरफ भी काफी रोड खराब है। पर्याप्त बजट नहीं होने की वजह से उक्त काम नहीं हो पाता है। उसको भी सुधारने की आवश्यकता है। आसोलिया की मादड़ी में भी यही हाल है। चपलोत ने सरकार से पुरजोर शब्दों में पीने का शुद्ध पानी व रोड़ों को सही करवाने मांग की है। मावली में सभी लोगों ने एक स्वर से कहा कि बागोलिया बांध मे पानी डलवाया जावे या उदय सागर का पानी लाते तो बागोलिया बांध आसपास के गांव में पानी की कमी नहीं रहती है। मानसी वाकल का जो पानी उदयपुर आता है उसको भी उदयसागर में डाल कर वापस लाया जा सकता है। उन्होने कहा कि उदयपुर संभाग में पानी की बहुत कमी है। माही व जाखम का पानी उदयपुर संभाग में दिया जाए। कम से कम सभी नदियों को जोड़ा जावे। सभी लोगों को पानी दिया जाए। कोटडा की तरफ सरकार ने कहा है कि हम कोटडा वासियों के लिए बांध बना रहे हैं जबकि सरकार की मंशा यह है कि यह पानी जवाई बांध में डाल रहे हैं। जवाई बांध से जोधपुर ले जा रहे हैं। हमारे कोटडा के आदिवासी बहुल एरिया सुखा रह जाएगा और पानी की कमी हो जाएगी। कोटडा और मेवाड़ की जनता यह कभी नहीं चाहती है कि उदयपुर का पानी जोधपुर ले जाया जावे जबकि उदयपुर में कोटडा में भी सूखा रहता है। वहां की पानी की आवश्यकता है और आदिवासी मात्र कृषि पर ही निर्भर है। यदि यह पानी जोधपुर ले जाया गया तो लोगों में भुखमरी पैदा हो जाएगी और असंतोष बढ़ेगा।
चपलोत ने कहा कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जिला कलेक्टर के दौरा करने के उपरांत भी आज दिनाँक तक फसलों की जिंसवारी नहीं हुई है। जिस कारण मुआवजा तय नहीं हो सका है और जब तक मुआवजा तय नहीं होता तब तक मुआवजा दिया नहीं जा सकेगा। सरकार को तुरंत ही उक्त मामले में कार्यवाही कर निपटान किया जाना आवश्यक है।
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