उदयपुर, 26 फरवरी। ज्योतिष अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान द्वारा ज्योतिषविद् व पूर्व सांसद् भानुकुमार शास्त्री की स्मृति में दो दिवसीय राष्ट्रीय ज्योतिष सेमीनार का शुभारंभ निम्बार्क महाविद्यालय के सभागार में वैदिक मंत्रों के उच्चारण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
आरम्भ में मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति डा. कैलाश सोडानी, विशिष्ट अतिथि महन्त रासबिहारी शरण, विधायक धर्मनारायण जोशी, पूर्व विधायक रणधीरसिंह भीण्डर, वर्द्धमान महावीर विश्वविद्यालय की क्षैत्रीय निदेशक डा. रश्मि बोहरा व संस्थान अध्यक्ष हरीश्चन्द्र शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन व स्व. भानुकुमार जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। पं. जगदीश श्रीमाली व विप्रजनों ने मंगलाचरण किया। संस्थान के डा. सुरेश चन्द्र जोशी, अखिलेश शर्मा, राजेन्द्र प्रसाद जैन, भगवती शंकर व्यास व अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया।
पं. अखिलेश शर्मा ने संस्थान का परिचय व गतिविधियों की जानकारी दी। संस्थान के अध्यक्ष हरीश्चन्द्र शर्मा ने स्वागत भाषण करते हुए आयोजन तथा ज्योतिष के विविध आयामों व ज्योतिषीय अनुसंधान की चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति डा. कैलाश सोडानी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी का समय ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का है, अब विश्व में विजेता ज्ञान के आधार पर तय होगा। उन्होनें कहा कि अब दुनियां युद्ध व लडाईयां प्रयोगशाला मे हो रही है।
उन्होनें कहा कि भारत के वर्तमान स्वरुप में शैक्षणिक जगत का महत्वपूर्ण योगदान है, पहले भारत में साक्षरता 18 प्रतिशत थी , अब 81 प्रतिशत है। उन्होनें अध्ययन को मातृभाषा में करने की महत्ती आवश्यकता बताते हुए कहा की नयी शिक्षा नीति में यह प्रावधान कर भारत सरकार ने एक सकारात्मक पहल की है।
अध्यक्षता करते हुए कोटा खुला विश्वविद्यालय की क्षैत्रीय निदेशक डा. रश्मि बोहरा ने कहा कि ज्योतिष बीज से लेखर वृक्ष बनने, सूर्य , तारों , ग्रह , नक्षत्रों से लेकर गणित व दर्शन से जुडा है, ज्योतिषीय कालगणना व फलित में अध्ययन अनुसंधान महत्वपूर्ण है।
विशिष्ट अतिथि महंत रासबिहारी शरण ने कहा कि हमारी संस्कृति , परम्पराओं के हास का मूल कारण शिक्षा पद्धति की विशेषता है। मौलिक संस्कृति व संस्कारों की जडों से जुडे रहकर आधुनिकता व विकास को अपनाना चाहिये।
विशिष्ट अतिथि विधायक धर्मनारायण जोशी ने कहा कि भारतीय संस्कृति व परम्पराएं श्रेष्ठ व वैज्ञानिक है, लेकिन तथाकथित प्रगतिशील लोगों ने उन्हें अंधविश्वास कहकर भ्रमित किया। कोरोना काल में हमारी हाथ धोने, दूर से नमस्ते करने व जूते बाहर खोलने की परम्परा को सभी ने स्वीकार किया है।
विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर ने ज्योतिष क्षैत्र में नवीन समयानुकूल अनुसंधान पर बल दिया।
इस अवसर पर महापौर गोविंदसिंह टांक, यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली, विप्र फाऊंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष के. के. शर्मा, पूर्व पार्षद दिनेश माली व विजय प्रकाश विप्लवी उपस्थित थे। संयोजन डा. भगवतीशंकर व्यास ने किया।
उद्घाटन सत्र के बाद आज हुए विभिन्न सत्रों में हरिश्चन्द्र शर्मा ने ‘ग्रहों के प्रभाव की खगोलीय समझ’ , गोविंद मौर्य ने ‘ज्योतिष एवं भौतिकी, साधना मेनारिया ने ‘ज्योतिष में ग्रहफल’ , न्यायाधीश हिमांशु नागौरी ने विवाह एवं न्याय प्रणाली का ज्योतिषीय संदर्भ’, भारती दशोरा ने ‘ज्योतिष एवं मनोविज्ञान’ व डा. सुरेश जोशी ने ‘कुंडली मिलान की वैज्ञानिकता’ विषय की व्याख्या करते हुए प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।
सेमीनार का समारोप सत्र आज :-
ज्योतिष अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान द्वारा ज्योतिषविद् व पूर्व सांसद् भानुकुमार शास्त्री की स्मृति में दो दिवसीय राष्ट्रीय ज्योतिष सेमीनार का समारोप सत्र रविवार अपराह्न 2.45 बजे निम्बार्क महाविद्यालय के सभागार में पूर्व कुलपति डा. बी.एल. चौधरी के मुख्यातिथ्य, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के विशिष्ट आतिथ्य व पूर्व कुलपति डा. मनोहर कालरा की अध्यक्षता में होगा।