जयपुर, 2 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए राज्यों को एक लाख करोड़ रूपए की सहायता तत्काल उपलब्ध करवाई जाए। साथ ही संकट की इस घड़ी में आवश्यक वस्तुओं, दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार इंटर स्टेट सप्लाई चेन प्रोटोकॉल शीघ्र लागू करे।
श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग ले रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार द्वारा बेसहारा एवं निराश्रितों, गरीबों, निर्माण श्रमिकों सहित तमाम जरूरतमंद वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए फैसलों से अवगत कराते हुए कहा कि कोरोना जैसी आपदा का सामना करने के लिए केंद्र सरकार का पर्याप्त सहयोग राज्यों के लिए बेहद जरूरी है।
प्रदेश की उधार लेने की क्षमता 2 प्रतिशत तक बढ़ाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदी के कारण देश के अधिकतर राज्य पहले से ही विकट आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन होने से प्रदेश का पूरा अर्थतंत्र प्रभावित हो रहा है। उद्योग-धंधे बंद पडे़ हैं। राजस्व अर्जन की ज्यादातर गतिविधियां बंद होने से लक्ष्य के मुकाबले काफी कम राजस्व एकत्र हो पाया है। साथ ही कोरोना संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार को जरूरतमंद वर्गों को अतिरिक्त सहायता एवं आर्थिक पैकेज उपलब्ध करवाना पड़ा है। इसके चलते प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार जल्द से जल्द राहत पैकेज उपलब्ध करवाए और प्रदेश के लिए उधार लेने की क्षमता को 2 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान करे।
वेंटीलेटर एवं पीपीई उपकरणों की खरीद का समन्वय करे आईसीएमआर
श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए फिलहाल सभी राज्य पीपीई उपकरणों एवं वेंटीलेटरों की अलग-अलग खरीद कर रहे हैं। इससे इनकी दरें ज्यादा आने के साथ ही उनमें भिन्नता भी रहती है। केंद्र सरकार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से इस खरीद व्यवस्था का समन्वय करे, ताकि सभी राज्यों को आवश्यक मेडिकल उपकरण एवं वेंटीलेटर उचित दरों पर एवं समय पर उपलब्ध हो सकें।
मनरेगा का पैसा एडवांस मिले, विद्युत उत्पादन निगम का बकाया हो स्थगित
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि गरीब तबके को संकट के इस समय में और मदद मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को रजिस्टर्ड एवं एक्टिव मनरेगा श्रमिकों का पैसा एडवांस दे। साथ ही केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक एवं अन्य केंद्रीय संस्थाओं को राज्य द्वारा देय ऋण की किश्तों को भी स्थगित करे।
पूरे संकल्प और समर्पण भाव के साथ कर रहे चुनौती का सामना
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस आपदा का पूरे संकल्प एवं समर्पण भाव के साथ सामना कर रही है। हम इस चुनौती से निपटने के लिए 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैंं। इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर पर वार रूम बनाए गए हैं। स्थिति पर सतत निगरानी रखने तथा त्वरित निर्णय के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक कोर गु्रप भी बनाया गया है। प्रदेश में आईसोलेशन के लिए एक लाख बैड की व्यवस्था कर ली गई है। पूर्व में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए विकसित की गई जांच एवं अन्य सुविधाओं तथा अनुभवों का भी हमें लाभ मिल रहा है।
हर वर्ग को पहुंचाई राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि लॉक डाउन के कारण प्रदेश में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए तथा लोगों की परचेजिंग पावर बनी रहे। इसके लिए 78 लाख लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाली पेंशन का फरवरी माह का भुगतान कर दिया गया है एवं मार्च माह का भुगतान भी इसी सप्ताह हो जाएगा। राज्य सरकार इस पर 1500 करोड़ रूपए वहन कर रही है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में नहीं आने वाले जरूरतमंद वर्गों के करीब 31 लाख परिवारों को 2500 रूपए की अनुग्रह राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। हमने हर वर्ग को अपने फैसलों से राहत पहुंचाई है।
श्री गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जो भी एडवाइजरी जारी की जा रही है, राज्य सरकार उसकी प्रभावी पालना सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान इस महामारी को लेकर पूरी तरह सतर्क और सजग है। हम इस चुनौती का सामना करने में किसी तरह की कमी नहीं आने देंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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