लखनऊ ।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पूर्ण निर्मित खंड का उद्घाटन किया। शहरी आवागमन में सुधार सरकार के प्रमुख ध्यान वाले क्षेत्रों में से एक रहा है। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पूर्ण निर्मित खंड का उद्घाटन इस दिशा में एक और कदम है।
यह पूरा 9 किलोमीटर लंबा खंड भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी कानपुर से मोती झील तक है। कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना की पूरी लंबाई 32 किलोमीटर है, जिसमें 2 गलियारे हैं, जिनमें से 13 किलोमीटर लंबा रास्ता भूमिगत होगा। इस परियोजना को 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जा रहा है। पहले मेट्रो गलियारे में 21 मेट्रो स्टेशन और दूसरे गलियारे में 8 मेट्रो स्टेशन होंगे।
कानपुर उत्तर प्रदेश का एक औद्योगिक शहर है, जो गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह शहर अपने उद्योगों, विशेष रूप से चमड़े और ऊनी कपड़ों के लिए प्रसिद्ध है। कानपुर देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका के लिए भी जाना जाता है। कई प्रमुख संस्थानों के साथ यह शहर शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी है। कानपुर की वर्तमान जनसंख्या लगभग 51 लाख है, इसके वर्ष 2041 तक 65 लाख तक होने की उम्मीद है।
कानपुर शहर में बड़े पैमाने पर विकास होने के कारण शहर में वाहनों की संख्या में भारी विस्तार हुआ है। एक तेज गति से चलने वाली बाधा मुक्त सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को विकसित और लागू करने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसे देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने विश्व स्तरीय कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण करने का फैसला किया।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के 9 किलोमीटर लंबे खंड का आज उद्घाटन किया गया जिसमें आईआईटी कानपुर और मोती झील के बीच 9 मेट्रो स्टेशन हैं। परियोजना के पूरी होने का कुल समय 5 वर्ष है और इसके पूर्ण होने की कुल लागत 11076.48 करोड़ रुपए है।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में 2 कॉरिडोर शामिल हैं। पहला गलियारा ‘आईआईटी कानपुर से नौबस्ता’ 23.8 किलोमीटर लंबा है जबकि दूसरा गलियारा ‘चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा-8’ तक 8.6 किलोमीटर लंबा है।