फतहनगर। क्षेत्र में इस बार मक्का की बम्पर पैदावार के बाद गेहूं की भी बम्पर पैदावार होने की संभावनाएं हैं। किसानों का कहना है कि यदि कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आई तो फसलें अच्छी पैदावार दे सकती है। फतहनगर क्षेत्र में इन दिनों गेहूं की फसल पूरे यौवन पर है तथा चहुंओर खेतों में लहलहाती देखी जा सकती है। लहलहाती फसलों को देखकर क्षेत्र के किसान खुश हैं। इस मर्तबा फतहनगर का तालाब भी आधे से भी अधिक भरा है जिससे कुओं का सेजा बना हुआ है। चंगेड़ी के तालाब में पानी की आवक बाधित होने से तालाब रीता हो गया है फिर भी कुओं का जल स्तर बना हुआ है तथा गेहूं की फसलों के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है। ईंटाली क्षेत्र में तो किसान गेहूं की फसलों के साथ-साथ काले सोने के नाम से विख्यात अफीम की पैदावार भी ले रहे हैं।
इधर जहां एक ओर फसलें पूरे यौवन पर नजर आ रही है वहीं क्षेत्र में नील गायों के कारण किसान खासे परेशान हैं। पक चुकी फसल को बचाने के लिए किसान रातें अपने खेतों पर गुजार रहे हैं। नील गायों का प्रकोप इतना है कि कई किसान जिनके पास अपनी फसलों को बचाने का कोई जुगाड़ नहीं है उन्होने फसलें ही नहीं बोई। एक किसान ने बताया कि नील गायें कंटीली तारों की बाड़ तक को फांद कर खेतों में खड़ी फसलों को चट कर जाते हैं। पहले तो नील गायें पटाखों की आवाज सुनकर भाग जाती थी लेकिन अब पटाखों की आवाज इनके लिए सामान्य हो गई है तथा किसानों के विविध जतन के बावजूद भी ये नील गायें बड़ी मुश्किल से भागती है।