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ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय एसएमसी,एसडीएमसी, केआरपी प्रशिक्षण संपन्नः एसएमसी और एसडीएमसी विद्यालय एवं अभिभावकों के बीच सेतु का काम करती है

फतहनगर। समग्र शिक्षा मावली के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा एक दिवसीय ब्लॉक स्तरीय एसएमसी, एसडीएमसी एवं केआरपी प्रशिक्षण शिविर आज महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल मावली गांव में संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ सरस्वती मां को तिलक एवं माल्यार्पण एवं उसके बाद ईश वंदना से हुआ। ब्लॉक कार्यालय की ओर से नियुक्त किए गए दक्ष प्रशिक्षक राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिंधु के पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी उमेश माहेश्वरी एवम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चंगेडी के पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल स्वर्णकार द्वारा मावली ब्लॉक के 85 से अधिक प्रधानाचार्य, व्याख्याता एवं शिक्षक जोकि विद्यालयो के विद्यालय विकास एवं प्रबंध समिति तथा विद्यालय विकास समिति के अध्यक्ष या सचिव का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं को प्रशिक्षण दिया। दक्ष प्रशिक्षक मोहनलाल स्वर्णकार ने कहा कि एसएमसी और एसडीएमसी विद्यालय एवं अभिभावकों के बीच सेतु का काम करती है। यह समितियां जितनी अधिक मजबूत होगी विद्यालय का विकास उतना ही तेज गति से होगा।
दक्ष प्रशिक्षक उमेश माहेश्वरी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राथमिक,उच्च प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 1से8 तक के बालक बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति एवं कक्षा 9 से 12 तक के छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति का गठन किया जाता है। दक्ष प्रशिक्षक उमेश माहेश्वरी ने बताया कि विद्यालय में विद्यालय प्रबंध समिति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। समिति जितनी अधिक मजबूत होगी विद्यालय का विकास भी उतने ही अच्छे ढंग से होगा। विद्यालय विकास के लिए किसी भी प्रकार का निर्णय लेने से पूर्व विद्यालय विकास समिति की बैठक में प्रस्ताव लिया जाना जरूरी होता है जिसमें लिए गए निर्णय को कोई भी चेलेंज नहीं कर सकता। राजकीय नियमो के अनुसार समिति का गठन 2 वर्ष के लिए किया जाता है। मासिक बैठक और हर महीने की अमावस्या को होती है। अमावस्या के दिन अवकाश आने पर पहले या बाद में रखी जा सकती हैं। विकास एवं प्रबंध समिति के कर्तव्यों, कार्यों, दायित्व एवं भूमिका के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विद्यालय में सुविधा बढ़ाने के लिए, विद्यालय भवन की मरम्मत, विद्यार्थियों की सुरक्षा ,सुप्रबंधन,स्वास्थ्य एवं गुणवत्ता युक्त मध्याह्न भोजन, विद्यालय की साफ सफाई ,स्वच्छता, ठहराव नामांकन एवं नियमित उपस्थिति जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में समिति सदस्य अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दायित्व के बारे में बताते हुए बताया कि बच्चों व शिक्षकों की उपस्थिति की जानकारी करना,मध्याह्न भोजन की एवं दूध की गुणवत्ता, स्वच्छता, शैक्षिक एवं सहशैक्षिक गतिविधियों की समीक्षा करना, पंचायत क्षेत्र में अनामांकित बच्चों को विद्यालय से जोड़ना, कमजोर बच्चों के लिए अध्यापन की अपने स्तर पर अलग से व्यवस्था करना, स्वास्थ्य की जांच, खेल मैदान एवं सहशैक्षिक गतिविधियों की उचित व्यवस्था करना आदि है। विद्यालय योजना निर्माण के संभावित विषय के बारे में चर्चा की गई एवं विद्यालयों में जाकर एसएमसी सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए जारी की जाने वाली राशि के व्यय के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। विभिन्न वीडियो के माध्यम से विद्यालय प्रबंध समिति एवं विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति के कार्यों के बारे में उपस्थित प्रतिभागियों को जानकारी दी गई जिसमें मुख्य रूप से विद्यालय में सीखना,सुविधा ,सुप्रबंधन , सुनियोजन,स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुपोषण आदि के बारे में किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।
शिविर प्रभारी सोहनलाल बुनकर एवं व्यवस्थापक महेश चंद्र विजयवर्गीय व मोतीलाल मेघवाल ने बताया कि सभी प्रतिभागियों के लिए प्रातःकालीन अल्पाहार एवं दोपहर के भोजन की व्यवस्था शिविर में की गई। दक्ष प्रशिक्षक मोहनलाल स्वर्णकार ने कहा कि एक दिवसीय प्रशिक्षण में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागियों को अपने-अपने विद्यालयों में जाकर विद्यालय विकास समिति एवं विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों को दो दिवसीय प्रशिक्षण आगामी दिनों में देना होगा।

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