उदयपुर, 5 मार्च। झीलों की नगरी उदयपुर में पहली बार पहुंचे आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि, वाणी के जादूगर डॉ. समकितमुनिजी म.सा. के होली चातुर्मास के तहत हिरणमगरी सेक्टर-4 में श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के तत्वावधान में चार दिन हुए प्रवचनों ने धर्म भक्ति व साधना का ऐसा माहौल बनाया की नजारा साक्षात चातुर्मास वाला बन पड़ा। गुरुदेव की धर्म भावना से परिपूर्ण वाणी से प्रभावित होकर सेक्टर-4 श्रीसंघ सहित उदयपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रावक-श्राविकाओ ने महासाध्वी जयश्रीजी म.सा. के ओजस्वी उदबोधन से प्रेरित होकर दोनों हाथ उठा एक स्वर में विनती रखी कि वर्ष 2024 का चातुर्मास उदयपुर सेक्टर-4 श्रीसंघ को प्रदान किया जाए। हर्ष-हर्ष के जयघोष के बीच गूंज उठा अभी तो ये झांकी है चौमासा अभी बाकी है। सेक्टर-4 श्रीसंघ के अध्यक्ष देवेन्द्र धींग ने कहा कि पूरे संस्थान की भावना है कि आप अगले वर्ष चातुर्मास यहां करें। हमारी भावना आपकी झोली में रखते है। साध्वी जयश्रीजी मसा ने कहा कि 4 माह के चातुर्मास का वातावरण पूज्य समकितमुनिजी मसा ने 4 दिन में बना दिया है। उदयपुरवासियों ने सहजोड़ा जो विनती प्रस्तुत की शायद गुरूदेव की पहली बार चातुर्मास के लिए ऐसी विनती हुई होंगी। यहां की भक्ति का जो नजारा गुरुदेव ने देखा उससे आशावान रहे, फिर समय पर जो होगा देखा जाएगा। इस विनती पर पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा होली चतुर्मास में बहुत सुंदर माहौल बना है इसका सारा श्रेय संस्थान की टीम को देता हूं जिसने बहुत सुंदर तरीके से पूरे कार्यक्रम का नियोजन किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के चतुर्मास की जो विनती की गई है उस भावना का वह आदर करते हैं। चातुर्मास का निर्णय हमारे गुरुदेव पूज्य सुमतिप्रकाश जी म.सा., वाचनाचार्य उपाध्याय प्रवर विशाल मुनि जी म.सा., उतर भारतीय प्रवर्तक आशीष मुनिजी म.सा.करते हैं। दो-तीन संघो का पहले से प्रयास चल रहा है। आगामी वर्ष चातुर्मास कहा होंगा यह अभी भविष्य के गर्भ में है। समय आने पर आपकी भावना को भी पूज्य गुरुदेव के चरणों में पहुचा देंगे। फिर जैसा गुरुदेव ओर आचार्यश्री का आदेश होगा वैसी भावना बनेगी। आप भी अपनी तरफ से अपनी भावना पूज्य गुरुदेव तक पहुचा सकते है। धर्मसभा में साध्वी निरुपमाश्री म.सा. ने कहा कि धर्मसभा का नजारा ऐसा लग रहा है इसी चतुर्मास चल रहा हो। साधु संतों को और कुछ नहीं चाहिए केवल आपकी भक्ति, श्रद्धा, प्रेम व आस्था चाहिए। धर्मसभा में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने ‘ये तो सच है कि भगवान है, धरती पर रूप गुरूदेव का उस विधाता की पहचान है’ गीत की प्रस्तुति देकर माहौल को भक्तिपूर्ण बना दिया। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा., महासाध्वी वैभवश्रीजी, प्रांजलश्रीजी आदि ठाणा का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। संचालन श्रीसंघ के मंत्री महेन्द्र पोखरना एवं सुश्रावक अनिल जारोली ने किया। धर्मसभा में विभिन्न स्थानों से आए श्रावक-श्राविकाएं भी मौजूद थे।
लोगस्स पाठ के माध्यम से सर्वमंगल की कामना एवं 24 तीर्थंकरों की आराधना
हिरणमगरी सेक्टर चार का स्थानक रविवार सुबह उस समय छोटा प्रतीत हुआ जब सहजोड़ा लोगस्स पाठ की आराधना के लिए श्रावक श्राविकाओ का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह होली चातुर्मासिक प्रवचन से पूर्व आगमज्ञाता प्रज्ञामहर्षि वाणी के जादूगर डॉ. समकितमुनिजी म.सा. के सानिध्य में हुए सर्वसुखकारी एवं मंगलकारी लोगस्स पाठ आराधना में सहभागी बनने के लिए उदयपुर शहर के हर क्षेत्र से हर उम्र वर्ग के श्रावक श्राविकाए सेक्टर-4 स्थानक पहुचे। लोगस्स पाठ में शामिल होने से वंचित न रह जाए इसलिए सैकड़ो श्रावक श्राविकाए सुबह 8.30 बजे से पूर्व ही पहुच गए। लोगस्स पाठ के माध्यम से सर्वमंगल की कामना एवं अरिहन्त प्रभु सहित 24 तीर्थंकरों की आराधना की गई। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि लोगस्स की आराधना सभी प्रकार के संकटो को हरणे वाली होती है। इससे जाप आराधक सीधे तीर्थंकर की ऊर्जा के साथ जुड़ते है। तीर्थंकर की ऊर्जा उसके अंदर इतनी सकारात्मक शक्ति लाएगी की भीतर परिवर्तन होना शुरू हो जाता है। तीर्थंकर देते हुए दिखाई देते नहीं फिर भी बहुत कुछ देते है। तीर्थंकर परमात्मा से मांगने पर जितना मांगोगे उतना ही मिलेगा पर नहीं मांगने पर बेहिसाब मिलेगा। श्रद्धा के साथ तीर्थंकर से जुड़ जाओ और किसी से जुड़ने की जरूरत नहीं रहेगी। तीर्थंकर की साधना कभी निष्फल नहीं होती है। नियमित लोगस्स पाठ की आराधना की जाए तो सर्व प्रकार के आनंद का वातावरण बनता है। लोगस्स जाप में शामिल होने वालों में से लक्की ड्रा के माध्यम से भाग्यशाली विजेताओं को श्रीसंघ द्वारा पुरस्कृत किया गया।
भीलवाड़ा से दर्शनों के लिए पहुचे श्रावक-श्राविकाए
पूज्य समकितमुनि जी म.सा.आदि ठाणा के दर्शनों के लिए भीलवाड़ा से रविवार को कई श्रावक श्राविका उदयपुर पहुंचे। मुनिश्री के दर्शन एवं आशीर्वाद पाने वालों में भीलवाड़ा शांति भवन संघ के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र चीपड,सुश्रावक नवरत्नमल बंब, नरेंद्र पीपाड़ा, प्रकाश पारख, महावीर कच्छारा, मुकेश डांगी, मनोज सुराणा, ललित बोहरा, गणपत खारीवाल, गोपाल लोढ़ा, वर्धमान रांका आदि शामिल थे। कई श्रावक परिवार सहित दर्शनों के लिए पहुंचे थे। गुरुदेव ने भीलवाड़ा चतुर्मास की यादो का स्मरण करते हुए सभी के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं व्यक्त की।
उदयपुर से 9 मार्च को करेंगे सूरत की दिशा में विहार
प्रस्तावित विहार कार्यक्रम के अनुसार पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा हिरणमगरी सेक्टर-4 स्थानक से होली चातुर्मास के बाद 8 मार्च को सुबह शहर के उदयपुर शहर के आयड़ क्षेत्र में ऋषभ भवन में प्रवचन देंगे। प्रवचन के तुरन्त बाद विहार कर सेक्टर-5 स्थानक पहुचेगे जहां रात्रिकालीन प्रवचन होंगे। इसके बाद 9 मार्च को सूरत की दिशा में विहार करेंगे। जहां पहुच श्रमण संघीय आचार्य सम्राट डॉ शिवमुनिजी म.सा.के दर्शन करेगे। मुनिश्री डूंगरपुर जिले से होते हुए गुजरात क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। महाराष्ट्र के नासिक में उनके सानिध्य में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव होंगा। उनका वर्ष 2023 का चातुर्मास पूना के आदिनाथ जैन स्थानक भवन के लिए घोषित है, जहां चातुर्मासिक प्रवेश 25 जून को होगा।
(निलेश कांठेड़)
मीडिया समन्वयक, समकित की यात्रा-2023
मो.9829537627