प्रतापगढ़ के मुख्य न्यायाधीश व बाल संरक्षण आयोग सदस्य भी जुड़े
उदयपुर। भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान के तहत भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर पहल पर मंगलवार से काउंसलिंग कार्य महाकाल व अंबामाता मंदिर से प्रारंभ किया गया। इस कार्य में प्रतापगढ़ के मुख्य न्यायाधीश महेंद्रसिंह, बाल संरक्षण आयोग सदस्य शैलेंद्र पंड्या व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों व बच्चों की काउंसलिंग कर समझाया।
*दी सरकारी योजनाओं की जानकारी*
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मांधाता सिंह ने बताया कि जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा के निर्देशन में भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर की पहल के तहत यह काउंसलिंग का कार्य प्रारम्भ किया है। इसके तहत भिक्षावृत्ति में लिप्त महिलाओं,बच्चों एवं दिव्यांगजनों से वार्ता की और काउंसलिंग कर उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं एवं योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रुवकुमार, समिधा सेवा संस्थान के सचिव चंद्रगुप्तसिंह चौहान, हरि चरण सेवा संस्थान की सचिव उर्मिला आशिया व भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान के संस्था प्रभारी दीनबंधु आशिया सहित सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग व बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारी- कार्मिक उपस्थित थे।
*31 मार्च तक चलेगा काउंसलिंग का कार्य*
मांधाता सिंह ने बताया कि प्रथम चरण के अंतर्गत 31 मार्च तक काउंसलिंग का कार्य किया जाएगा तत्पश्चात इनका विधिवत सर्वे और इसके पश्चात भी अगर व्यक्ति वह बच्चे भिक्षावृत्ति में लिप्त पाए जाएंगे तो उनका रेस्क्यू पुलिस विभाग संबंधित विभागों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर जिले में जिला प्रशासन एवं जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा के निर्देशन में भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर की पहल की गई, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार अलग-अलग चरणों में भीख मांगने वाले व्यक्तियों की काउंसलिंग, सर्वे, चिन्हीकरण एवं रेस्क्यू व उनके पुनर्वास संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रकार के कार्यक्रम में पुलिस, सामाजिक न्याय व अधिकारिता, शिक्षा, बाल अधिकारिता, बाल विकास, पर्यटन, देवस्थान एवं अन्य विभागों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा।