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156 वां मर्यादा महोत्सव मनाया गया.
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आमेट 1 फरवरी, नगर के तेरापंथ सभा भवन में तेरापंथ के धर्म संघ का प्रमुख पर्व 156 वां मर्यादा महोत्सव मुनि सुरेश कुमार के सानिध्य में श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के आथित्य आयोजित हुआ। महासभा के मंत्री कौशल मेहता ने बताया कि मर्यादा महोत्सव में मुनि सुरेश कुमार के सानिध्य में आयोजित इस कार्यक्रम में नगर सहित औरंगाबाद,अजमेर,दोलपुरा,राजसमंद देवगढ़,गंगापुर,करेड़ा,भीलवाड़ा, सरदारगढ़ आदि श्रावक श्राविकाओ ने भाग लिया।इस जैन धर्म के मर्यादा महोत्सव मैं मुनि सुरेश ने संबोधित करते हुए कहा कि महोत्सव तो हजारों होते हैं लेकिन मर्यादा महोत्सव सिर्फ एक तेरापंथ धर्म संघ में ही मनाया जाता है।156 वर्ष पूर्व जैन धर्म के आचार्य भिक्षु द्वारा लिखी गई मर्यादा के नियम पर आज तेरापंथ का महल खड़ा हुआ है । धर्म में साधना की सफलता के लिए मर्यादा निहायत जरूरी है।कुर्सी की सियासत के दौर में एक आचार्य की आज्ञा में रहने वाले का आदर्श तेरापंथ धर्म संघ गौरव ही प्रस्तुत करता है। इस अवसर पर मुनि सुबोध कुमा ने कहा कि जिनके अच्छे कर्म होते हैं,तेरापंथ उसी को मिलता है हमारे से कुछ ऐसा घटित ना हो जाए जिससे जैन शासन को भी सवालों के कटघरे में खड़ा होना पड़े। मर्यादा महोत्सव को सुंदर बनाने के लिए चतुर्थ आचार्य जयाचार्य ने इस महोत्सव का स्वरूप दिया। आध्यात्मिक जगत में मर्यादा का लिखना काबिले तारीफ है। आर्थिक अपराधीकरण, राजनीतिक ध्रुवीकरण के दौर में मर्यादा की बात करना आश्चर्यकारी है। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप मे श्रीमती मेघना जैन एडीजे गुलाबपुरा/भीलवाड़ा/उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में मेवाड़ अंचल ज्ञानशाला संयोजिका श्रीमती रितु धोखा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जहां सुबह का सूरज अनुशासन की सदघोषणा करता है। वही शाम समर्पण का गान गाती है यही तेरापंथ है। कार्यक्रम में सभा भवन में संचालित ज्ञानशाला के नन्हे-मुन्ने बालकों द्वारा ‘अपने तो सब है शासन’ गीत पर रोचक प्रस्तुति दी।इस अवसर पर श्रीमती नीतू बापना सुश्री शेफाली बापना द्वारा ‘भिक्षु शासन में रहना है’ सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी।मर्यादा महोत्सव में तेरापंथ सभा भवन देवगढ़ के अध्यक्ष बसंती लाल आछा, तेरापंथ भवन अध्यक्ष अरविंद भरसारिया,मंत्री कौशल मेहता,तेयुप अध्यक्ष ललित छाजेड़, महिला मंडल अध्यक्ष उमा हिरण,अणुव्रत समिति के अध्यक्ष दलि चंद कच्छारा,प्रवीण ओस्तवाल ने अपने विचार रखें।कार्यक्रम का आभार मोतीलाल डांगी द्वारा प्रस्तुत किया गया।