उदयपुर 20 अप्रैल। जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा के नवाचार ‘मिशन कोटड़ा’ का गुरुवार को समूचे राजस्थान में डंका बजा। कलेक्टर मीणा को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सार्वजनिक सेवा उत्कृष्टता पुरस्कार (सीएम एक्सिलेन्स अवार्ड) से सम्मानित किया। इस दौरान कलेक्टर को प्रशस्ति पत्र देकर एवं शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया।
कलेक्टर ने कहा कि जनजाति अंचल में दूरस्थ ग्रामीण अंचल के निवासियों को राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए चलाया गया मिशन कोटड़ा टीम उदयपुर के सहयोग से ही सफल हो सका है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर मीणा के उदयपुर में पदभार संभालने के बाद से ही यहाँ हर योजना की प्रगति में व्यापक परिवर्तन आया है। आदिवासी क्षेत्र पर कलेक्टर मीणा का विशेष फोकस रहा है और अंतिम छोर पर बैठे पिछड़े लोगों तक सरकारी लाभ सुनिश्चित हुए हैं।
कलेक्टर मीणा के प्रयासों से उदयपुर बना सिरमौर:
जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा को उदयपुर कार्यकाल के दौरान विभिन्न मंचों पर सम्मानित किया गया है। चाहे बात भारत की अध्यक्षता में जी-20 की उदयपुर में आयोजित हुई प्रथम बैठक की हो या बड़े राष्ट्रीय आयोजनों अथवा वीवीआईपी मूवमेंट की, कलेक्टर मीणा ने हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। इसके अलावा जिले में हुई विभिन्न आपराधिक घटनाओं, लो एंड ऑर्डर को प्रभावित करने वाली घटनाओं आदि में भी शानदार मैनेजमेंट से वे उदयपुर में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सफल हुए हैं।
पाली में हुआ था मीणा का जन्म:
हिन्दी साहित्य, अर्थशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान में स्नातक तारा चंद मीणा का जन्म पाली जिले में 1 जुलाई 1964 को हुआ था। वे बचपन से ही प्रतिभावान थे। जनजाति पृष्ठभूमि से निकले तारा चंद मीणा ने जीवन में कठोर परिश्रम किया और अंततः वर्ष 1994 में आरएएस के पद पर चयन होने के बाद राज्य में विभिन्न स्थानों पर उन्होंने सेवाएं दी। आईएएस बनने के बाद वे कृषि विपणन बोर्ड के निदेशक एवं चित्तौड़गढ़ में जिला कलेक्टर के पद सेवाएं देने के पश्चात उदयपुर में पदस्थापित हुए।
यह है मिशन कोटड़ा जिसके लिए मिला सम्मान :
उदयपुर जिले के दूरस्थ एवं पिछड़े आदिवासी ब्लॉक कोटड़ा के अभावों को दूर करने व आमजन में जागरूकता पैदा कर सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ दिलाने के उद्देश्य से कलेक्टर ने मिशन कोटड़ा आरंभ किया। शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, रोजगार, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण, परिवहन, कृषि व वन उत्पादों का विपणन, सिंचाई इत्यादि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई। मिशन के तहत अभियान रुप में गांव-गांव शिविर लगाकर ब्लॉक में छूटे हुए 1096 परिवारों के 2016 बच्चों को पालनहार योजना से जोड़कर लाभांवित किया जा रहा है।
इसी प्रकार कोटड़ा ब्लॉक में 2814 व्यक्तियों को पेंशन सुविधा देते हुए 217 वंचित व्यक्तियों को दिव्यांग प्रमाण पत्र व 27 को सिलिकोसिस प्रमाण पत्र जारी कर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से निर्बाध इंटरनेट सेवा पहुंचाने के लिए गुजरात राज्य से रिंग कनेक्टिविटी दी गई। बेहतर नेटवर्क के लिए बीएसएनएल के कुल 103 टावर्स की स्थापना की स्वीकृति दी गई, 47 नए टावर्स के लिए भूमि का भी आवंटन किया गया। आवागमन सुविधा के लिए रोड़वेज की 5 बसें प्रारंभ की गई। आदिवासी कृषकों को उपज का पूरा दाम दिलाने के लिए कृषि उपज मंडी की शुरूआत भी हुई।
इसके अलावा पशुपालकों के हितार्थ 10 डेयरी बूथ स्थापित किए गए, औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए भूमि का आवंटन किया गया, वर्षों से क्षतिग्रस्त 50 कि.मी. सड़क का डामरीकरण करवाया गया तथा कोटड़ा क्षेत्र के सबसे पिछड़े राजस्व गांवों में घर-घर तक प्रशासन एवं ई-गवर्नेस पहुंचाने के लिए गतिमान प्रशासन की 2 बसें पुनः प्रारम्भ कर योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया। क्षेत्र में करवाए जा रहे विकास कार्यों से लोगों का जीवन सुगम हुआ है और यहाँ के लोगों ने कलेक्टर का आभार जताया है।
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