फतहनगर। वैश्विक महामारी कोरोना में कोरोना वारियर्स बन क्षेत्र के दो युवा इस क्षेत्र को गौरवान्वित कर रहे हैं। खेमपुर के समीप स्थित शंभूपुरा गांव निवासी लिपिक पन्नालाल मेघवाल का पुत्र चंचल मेघवाल इन दिनों मध्यप्रदेश के भोपाल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में नर्सिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत है। वह एम्स के कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं। चंचल कुमार बताते हैं कि मेरी पत्नी मीना कुमारी व बेटा युवराज भोपाल में किराए के मकान में रहते हैं और वह अपने परिवार से दूर मरीजों की सेवा कर रहे हैं। उसके काम के 12 घंटे से कम नहीं है। वह कहते हैं कि देश सेवा से बड़ा कोई काम नहीं है। मेरे लिए मेरा परिवार है। पीपीई किट पहनने के बाद कई घंटों तक खाना पीना भी नहीं कर पाते क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। कभी-कभी बाहर से ही पत्नी और बच्चों को देख कर चला जाता हूं। 7 दिन की ड्यूटी के बाद 14 दिन क्वारंटाइन रखा जाता है। इस दौरान वह अपने परिवार से नहीं मिल पाते।
ऐसे ही कोरोना वारियर्स के तौर पर सनवाड़ निवासी मनोहरलाल जीनगर का पुत्र प्रदीप जीनगर इस समय नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कर्नाटक के गुलबर्ग में हॉस्पिटल ईएसटीसी में कोरोना आइसोलेशन वार्ड में 2 महीने से सेवा दे रहा है। उसका कहना है कि हम जान जोखिम में डालकर सेवा कर रहे हैं। उसने क्षेत्रवासियों के लिए अपने संदेष में कहा कि आप घर में रहकर सुरक्षित रहो। हमको 6 घंटे की ड्यूटी में पीपीई किट पहन कर काम करना पड़ता है जिसमें सांस भी ठीक से नहीं ले सकते ना पानी पी सकते हैं। फिर भी मैं इस सेवा को अपना अहोभाग्य मानकर लगा हुआ हूं।
फतहनगर - सनवाड