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उदयपुर

राष्ट्रीय लोक अदालत 14 को

उदयपुर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष के निर्देशन में 14 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव कुलदीप शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु उदयपुर मुख्यालय एवं तहसीलों पर स्थित न्यायालयों पर बैचांे का गठन किया जाएगा। राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकरण रखे जा सकते हैं। इनमें प्री-लिटिगेशन प्रकरण में धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम, धन वसूली, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित (अशमनीय के अलावा प्रकरण), भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण, राजस्व विवाद, पैमाइश एवं डिवीजन ऑफ होल्डिंग सहित, सिविल विवाद, सर्विस मैटर्स, उपभोक्ता विवाद, अन्य राजीनामा योग्य विवाद (जो अन्य अधिकरणों/आयोगों/मंचो/आथॉरिटी/प्राधिकारियों के क्षेत्राधिकार संबंधी प्रकरणों पर सुनवाई की जाएगी।

इसी प्रकार न्यायालय में लंबित प्रकरणों में राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (एनआई. एक्ट), धन वसूली, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद एवं कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण (अशमनीय के अलावा), पारिवारिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, सभी प्रकार के सर्विस मैटर्स (पदोन्नति एवं वरिष्ठता विवाद के मामलों के अलावा), सभी प्रकार के राजस्व मामले, पैमाइश एवं डिविजन ऑफ हौल्डिंग सहित, वाणिज्यिक विवाद, बैंक के विवाद, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के विवाद, सहकारिता संबधी विवाद, स्थानीय निकाय (विकास प्राधिकरण/नगर निगम आदि) के विवाद, रियल स्टेट सम्बधी विवाद, रेलवे क्लेम्स संबधी विवाद, आयकर संबधी विवाद, अन्य कर संबधी विवाद, उपभोक्ता एवं विक्रेता/सेवा प्रदाता के मध्य के विवाद, सिविल मामले (किरायेदारी, बंटवारा, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा, घोषणा, क्षतिपूर्ति एवं विनिर्दिष्ट पालना के दावेे), अन्रू राजीनामा योग्य ऐसे मामले जो अन्य अधिकरणों/आयोगों, मंचो/आथॉरिटी/प्राधिकारियों के समक्ष लंबित प्रकरणों को रखा जाएगा।

सचिव शर्मा ने राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु वीसी एवं अन्य माध्यमों से उदयपुर जिले के समस्त न्यायिक अधिकारीगण को निर्देश दिए है कि अधिकाधिक प्रकरणों का चिन्हिकरण कर लोक अदालत के माध्यम से निस्तारण किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि यदि पक्षकार प्रकरण को लोक अदालत में रखवाना चाहते है तो जिस न्यायालय में प्रकरण विचारधीन है उस न्यायालय में जाकर पीठासीन अधिकारी से निवेदन कर सकते है कि प्रकरण को नियमानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाया जाकर निस्तारित करवाया जाए।

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