जयपुर, 8 मार्च। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2022 में सभी प्रकार के अनुदान एवं छूट हेतु आवेदन एवं अग्रिम प्रक्रिया बुधवार से ऑनलाईन हो गई है। राजस्थान को निवेश व रोजगार की दृष्टि से अग्रणी राज्यों में लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2022 जारी की गई थी। इस योजना की कार्यावधि 31 मार्च, 2027 तक है। योजना प्रभावी होते ही वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने से पूर्व के परिलाभों- स्टाम्प डयूटी एवं भूमि रूपान्तरण शुल्क में छूट हेतु आवेदन किए जाने की सुविधा ऑनलाईन पोर्टल पर प्रारंभ कर दी गई थी। बुधवार से अन्य सभी परिलाभ, छूट हेतु आवेदन व सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन हो गई हैं।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि यह ऑनलाईन सिस्टम रिप्स योजना में परिलाभ प्रदान करने वाले अन्य विभागों के ऑनलाईन सिस्टम से इन्टीग्रेटेड होगा तथा आवेदन करने से लेकर परिलाभ प्राप्त करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाईन व सुगम होगी।
ऑनलाईन सिस्टम में आवेदक को एसएसओ आईडी बनाकर RIPS-2022 एप्लीकशन में जाकर प्रोफाईल फॅार्म भरना होगा जिसमें सामान्य जानकारी तथा निवेश संबंधी आंकड़े भरने पर स्वतः ही योजनान्तर्गत प्रावधित 8 प्राथमिक श्रेणियों में से उपयुक्त श्रेणी में अग्रेषित कर दिया जायेगा तथा आवेदक को उपलब्ध आवेदन फार्मों में परिलाभों हेतु आवेदन करना होगा। उक्त फार्मों में अधिकांश जानकारी ऑटोफिल होगी तथा अलग से परिलाभ हेतु आवेदन पत्र में न्यूनतम जानकारी व दस्तावेज अपलोड करने होगें। योजना में अंकित प्रावधानों के अनुसार पात्रता होने पर सक्षम स्तर के निर्णय उपरान्त परिलाभ स्वीकृति पत्र तथा वितरण तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाईन होगी।
योजना के मुख्य बिन्दु ः
योजनान्तर्गत सभी पात्र विनिर्माण उद्यमों एवं सेवा क्षेत्र के उद्यमों के लिए सात वर्षों की अवधि के लिए निवेश अनुदान (एसजीएसटी का 75 प्रतिशत), रोजगार सृजन अनुदान (श्रमिकों के ईपीएफ तथा ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 50 पुनर्भरण), विद्युत कर, मण्डी शुल्क, भूमि कर में 100 प्रतिशत छूट के साथ ही स्टाम्प डयूटी एवं भूमि रूपान्तरण शुल्क में शत प्रतिशत परिलाभ के प्रावधान हैं।
इसके अतिरिक्त योजना में 8 प्राथमिक श्रेणियों हेतु पृथक परिलाभों के प्रावधान हैं। एमएसएमई श्रेणी के उद्यमों हेतु सामान्य परिलाभों के साथ ब्याज अनुदान का भी प्रावधान किया गया है। 25 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाले उद्यमों को एसेट क्रिएशन इन्सेन्टिव के रूप में निवेश अनुदान, पूंजीगत अनुदान, टर्न ओवर लिंक्ड इन्सेन्टिव में से एक को चुनने का विकल्प रखा गया है। इसके अतिरिक्त अधिक रोजगार देने वाले उद्यमों तथा क्लस्टर्स हेतु भी अतिरिक्त परिलाभों के प्रावधान किए गए हैं। पर्यावरण संरक्षण हेतु ग्रीन इन्सेन्टिव तथा नवीन तकनीकी क्षेत्रों के विकास हेतु थ्रस्ट/सनराईज सेक्टर के रूप में अतिरिक्त परिलाभों के भी प्रावधान किए गए हैं।
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