फतहनगर। प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि देश में कोई भी परिवार बिना छत के नहीं रहे। इसके लिए प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.67लाख की छूट का प्रावधान भी कर रखा है लेकिन लाॅक डाउन के बाद गृह निर्माण की सामग्री की कीमतों में इतना उछाल आ गया है कि मकान बनाने का गरीब व मध्यम वर्ग का सपना ही चकनाचूर होता दिखाई दे रहा है। लाॅक डाउन से पूर्व सामेंट के एक बैग की कीमत जहां 320 रूपए हुआ करती थी इन दिनों वही सीमेंट का बैग 360से380 तक पहुंच चुका है। यों भी लोकसभा चुनाव के वक्त सीमेंट के भावों में 60 रूपए का उछाल आया था जो कि अभी तक भी बरकरार था। इतना ही नहीं जो बजरी का डम्पर ब्लैक में भी 13हजार से 15 हजार के बीच मिल रहा था उसकी कीमत अब 20 हजार पहुंच गई है। लाॅक डाउन से पहले बजरी का डम्पर 13500 में मिल रहा था जो अब 20 हजार में मिल रहा है। इसके अलावा ईंटें प्रति 2 हजार के 9 हजार 500 रूपए थे वो ईंटें अब 10 हजार में मिल रही है। पालिका क्षेत्र में जैसे तैसे मकान का निर्माण का काम करवा रहें ऐसे कई लोगों का काम इसकी वजह से इन दिनों बंद हो गया है। ऐसे लोग निर्माण सामग्री की दरें ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि मनमाने ढंग से रेटें बढ़ाने वाले ऐसे लोगों पर भी सरकार का नियन्त्रण रहना चाहिए ताकि आम आदमी ठगा नहीं जा सके।
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