उदयपुर। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम का स्थापना दिवस प्रांतीय कार्यालय, गवरी चैक, हिरणमगरी, सेक्टर 13 पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। गोष्ठी में प्रदेश महामंत्री श्री गोपाल जी कुमावत ने वनवासी कल्याण परिषद् की स्थापना व उसके कार्य पर प्रकाश डालते हुए बताया की आगामी रामनिधि संग्रह अभियान में सभी कार्यकर्ता तन-मन-धन से लगेंगे तथा करीब 510 गांवों में निधि संग्रह किया जायेगा। इसी कड़ी मुख्य वक्ता के रूप में प्रदेश मंत्री श्री सुंदर जी कटारिया ने बताया कि वनवासी कल्याण परिषद क्या है? वह क्या कार्य करती है? तथा कौन-कौन से उद्देश्यों की पूर्ति हेतु कार्य करती है? आजादी के 70 वर्ष बाद भी आज सुदूर वनवासी अंचल में वनवासियों का जीवन उसी स्थिति में है, जिस स्थिति में पहले था। हमारा यह सामाजिक दायित्व बनता है कि वे भी हमारे भाई है, उसके जीवन स्तर को उठाने के लिए हमें उनका सहयोग करना चाहिए। वास्तव में वनवासी स्वाभिमानी एवं बहुत ही संतोषी प्रवृत्ति हैं। भगवान श्री राम के साथ में सहयोग से लेकर अंग्रेजों को खदेड़ने तक का संघर्ष हो या महाराणा प्रताप के सहयोग से लेकर मुगलों से संघर्ष करने में सभी वनवासी बंधु हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले हैं।
वर्तमान में वनवासियों को भ्रम में डालने व अनुचित कार्य करवाने हेतु प्रेरित करने वाली कई देश विरोधी ताकतें इस सारे षड़यंत्र के पीछे जिम्मेदार है। उनसे सभी देशवासियों को एक-साथ मिलकर ऊँच-नीच का भेद मिटाकर कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण विधायक श्री फूल सिंह जी मीणा ने की। अध्यक्षीय उद्बोधन में फूल सिंह जी मीणा ने कहा कि आदिवासी समाज को ऊपर उठाने के लिए हमें शिक्षा में उन्हें आगे लाना होगा। उनका सहयोग व प्रेम के माध्यम से ही यह कार्य हो पाएगा। यह हम सभी की एक सामूहिक जिम्मेदारी बनता है। मंच संचालन एवं धन्यवाद नगर समिति के मंत्री श्री संदीप जी पानेरी ने किया। गीत कैलाश जी प्रजापत एवं संगठन मंत्र मनीष जी गुप्ता द्वारा किया गया।