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उदयपुर

वर्ल्ड वेटलैंड डे पर बर्ड विलेज मेनार में हुआ कार्यक्रमः पक्षियों के लिए वेटलैंड संरक्षण व विकास में धन की कमी न रहेगी-विधायक शक्तावत

उदयपुर, 2 फरवरी। बर्ड विलेज मेनार के दोनों तालाब वर्षों से पक्षियों के लिए संरक्षित हैं, इनके पर्यावरण व पर्यटन दृष्टि से विकास के लिए योजनाबद्ध प्रयास किये जायेंगे। इसके विकास के लिए किसी प्रकार से धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।
यह विचार वल्लभनगर विधायक प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत ने बुधवार को बर्ड विलेज मेनार में वन विभाग और जिला पर्यावरण समिति द्वारा आयोजित वर्ल्ड वेटलैंड डे के जिला स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बर्ड विलेज के तालाबों का विकास पर्यावरणीय दृष्टि से विभागीय अधिकारियों की देखरेख में ही किया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर आगामी एक वर्ष में ही पर्यटन दृष्टि से इन तालाबों के विकास के साथ ही गांव में ट्रोमा सेंटर विकसित करने के लिए आश्वासन दिया। इस मौके पर विधायक शक्तावत ने तालाब के मध्य से निकल रही हाईटेंशन लाइन और सीवर लाइन को स्थानांतरित करने के लिए प्रयास करने की बात कही ।
विकास व संरक्षण के लिए बनेगा मैनेजमेंट प्लानः कलक्टर
इस मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि अपने संबोधन में जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि राजस्थान की समृद्ध परंपरा पशु पक्षियों के संरक्षण की रही है इसी दृष्टि से मेनार तालाब के विकास के लिए ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। कलक्टर मीणा ने कहा कि तालाब के सुव्यवस्थित विकास के लिए मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाएगा। कलेक्टर ने इसे वेटलैंड के रूप में नोटिफाइड करवाने के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ कार्यकाल दौरान 3 वेटलैंड्स को चिह्नित किया गया था वहीं उदयपुर में मेनार तालाब को चिह्नित किया गया है अब इसे वेटलैंड्स रूप में नोटिफिकेशन के लिए प्रयास किए जाएंगे।
मेनार बने राजस्थान की तीसरी रामसर साइटः सीसीएफ
कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए मुख्य वन संरक्षक आर.के. सिंह ने कहा कि मेनार तालाब समृद्ध तालाब है और इसे 1 माह के भीतर ही वेटलैंड घोषित करवाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने राजस्थान में अब तक घोषित दो रामसर साइट के बाद मेनार को तीसरी रामसर साइट घोषित करवाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वेटलैंड के विकास के लिए पर्यावरणीय मानकों का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि इससे यहां रहने वाले पशु पक्षी प्रभावित न हो। उन्होंने अजमेर की आनासागर और डूंगरपुर की गैप सागर झील के किनारों पर सड़क बनाए जाने के कारण वहां हुए विनाश की भी जानकारी दी और इस प्रकार के विकास से बचने की सलाह दी। उन्होंने ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे वन विभागीय अधिकारियों की जानकारी में लाते हुए ही समन्वय से विकास कार्य प्रस्तावित करें ताकि विकास कार्यों का प्रतिकूल प्रभाव न होने पाए।
इस मौके पर ख्यातनाम पक्षी वैज्ञानिक और मेनार को आईबीए घोषित कराने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले डॉक्टर सतीश शर्मा ने विचार व्यक्त किए और इसे रामसर साइट घोषित करवाने के लिए किए गए संकल्प की सराहना की। कार्यक्रम को वल्लभनगर प्रधान देवीलाल नगारची, सीसीएफ आर.के.जैन ने भी संबोधित किया। इस दौरान अतिथियों ने मेनार वेटलैंड विषय पर तैयार की गई एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
परिंदों की जलक्रीड़ाएं देख अभिभूत हुए विधायक और कलक्टर
इससे पूर्व वल्लभनगर विधायक श्रीमती प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत और जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा के साथ विभिन्न जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, विद्यार्थियों तथा ग्रामीणों ने बर्ड वाचिंग की। पक्षीविद डॉ. सतीश शर्मा और विनय दवे ने तालाब और स्थानीय व प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान तालाब में बड़ी संख्या में जलक्रीडा कर रहे रंगबिरंगे स्थानीय और प्रवासी परिंदों को देख अतिथि अभिभूत हो उठे।
विधायक व कलक्टर से संवाद करते हुए मेनारवासियों ने कहा कि मेनार गांव में पक्षियों के संरक्षण की परंपरा पुरखों से चली आ रही है और वे इस परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखेंगें। ग्रामीणों ने तालाब के विकास के लिए सहयोग का आह्वान किया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूदः
कार्यक्रम के दौरान प्रधान देवीलाल नगारची, सीसीएफ आरके सिंह, आरके खेरवा व आरके जैन, डीएफओ अजीत ऊंचोई, मुकेश सैनी व डीके तिवारी, उपखंड अधिकारी श्रवणसिंह राठौड़, अशोक शर्मा, पक्षी प्रेमी महेश शर्मा, विनय दवे, विधान द्विवेदी, उमेश मेनारिया सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और ग्रामीण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन दर्शन मेनारिया ने किया जबकि आभार डीके तिवारी ने जताया।

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