वल्लभनगर.
वल्लभनगर राजस्थान मे मेवाड़ उपप्रवर्तक कोमल मुनि जी महाराज साहब एवं नव दीक्षित हर्षित मुनि जी महाराज साहब
के सानिध्य में सभी श्रावक- श्राविका चार्तुमास मे विशेष धर्म आराधना कर रहे है, कल दया का प्रसंग आयोजित हुआ
प्रातः 9:00 प्रवचन में हर्षितमुनि जी ने श्री सुख विपाक सूत्र का वाचन करते हुए फरमाया कि. कल हमने सुना कि सुबाहु कुमार ने किस प्रकार आहार बहराया, सुबाहु कुमार के आहार बहराने पर आकाश एवं धरती पर अहो दानम,अहो दानम का उद्घोष हुआ, सभी नगर वासी उस सुमुख गाथापति प्रशंसा करने लगे,100 वर्ष का आयुष्य पूर्ण कर सुबाहुकुमार बना
फिर गौतमस्वामी ने भगवान से पूछा क्या सुबाहु कुमार दीक्षा लेंगे,
भगवान ने फ़रमाया – हा,सुबाहु कुमार दीक्षा लेंगे
हमारा जीवन भी *सुबाहु कुमार* की तरह होना चाहिए, हमें सुबाहु कुमार की तरह भावना होनी चाहिए, इसी शुभ भाव के साथ…….
मेवाड़ उपप्रवर्तक कोमल मुनि जी ने फरमाया.कि हमारे प्रभु ने फ़रमाया है कि सदैव गुण ग्रहण का भाव रखें, दोष किसी के ना देखे , दोष देखने वाला व्यक्ति सदैव दुःख को प्राप्त करता है और गुण देखने वाला सदैव मोक्ष के आनंद मे रहता है,
गुण देखोगे तो गुणी कहलाओगे
दोष देखोगे तो दोषी कहलाओगे
क्या तुम्हे बनना है चिंतन करो
भगवान ने कहा के स्वदोष देखो पर दोष नहीं
परनिंदा करने वाला व्यक्ति कभी भी धर्म मे प्रवेश नहीं कर सकता है
गुरुदेव ने चंदन राजा और मलियागिरी रानी का वर्णन सुनाया….
वल्लभनगर मे चार्तुमास प्रारम्भ से ही तपस्या की लड़ी चल रही है जिसमे
एकासन, बियासन, उपवास और तेला तप है
लम्बी तपस्या मे आज 7 का प्रत्याख्यान हुए…
आस पास से भी दर्शनार्थी आए जिसमे उदयपुर, भटेवर आदि