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फतहनगर - सनवाड

श्रीमद् भागवत कथा : झांकीमयी प्रसंगों का प्रस्तुतीकरण

 फतहनगर ।  फतहनगर की चंगेड़ी रोड़ पर श्री कृष्ण महावीर गौशाला परिसर में  चल रही श्रीमद्भागवत कथा के   पांचवें दिन कथा मर्मज्ञ कृष्ण किंकरजी महराज ने पूतना वध, माखन चोरी बाललीला की झाँकीमय प्रस्तुति, यमलार्जुन उद्धार, बकासुर वध, कालीनाग मर्दन, चीरहरण, गोवर्धन पूजा एवं रासलीला का झाँकीमय वाचन किया ।
         उन्होने आगे कहा कि पृथ्वी की मिट्टी के कणों की फिर भी गिनती हो सकती है पर अनगिनत ब्रह्माण्डो की नहीं।प्रभु प्रतिदिन किसी न किसी ब्रह्मांड पर अवतरित होते रहते हैं।जीवात्मा शरीर तक सीमित है ईश्वर असीमित है।घर को संयम, सहनशीलता एवं प्रेम से तपोवन बनाने पर ही परमात्मा रूपी संतान सुख प्राप्त होता है।
           नशा केवल कामना रहित होकर हरिनाम का ही करना चाहिए।श्रीकृष्ण ही स्वयं विश्व है,सर्वस्व ईश्वर का ही है, राम कृष्ण को ईश्वर नहीं मानने वाले का चेहरा तक नहीं देखना चाहिए।
         व्यासपीठ से आवरीमाता विकास कमेटी के अध्यक्ष घनश्याम  अग्रवाल, गौशाला अध्यक्ष  कैलाश अग्रवाल एवं  कैलाश खंडेलवाल का सम्मान करते हुए आशीर्वाद प्रदान किया गया।
          फतहनगर के  कथा प्रवक्ता माणक मेनारिया का आयोजक  उंकारदास वैष्णव द्वारा पगड़ी एवं उपरणा पहनाकर स्वागत किया।
          कथा विश्राम के बाद आरती की गई एवं प्रसाद वितरण किया गया ।

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