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फतहनगर। 100 करोड़ चले जाए,वापस कमा सकते हैं लेकिन एक पल का गया हुआ समय 100 करोड़ देकर भी वापस नहीं ला सकते हैं। समय अनमोल है। जो समय की कीमत करता है,वह धर्म के महत्व को समझता है। वही जिंदगी का समय सार्थक है। जब तक व्यक्ति संकल्प शक्ति का बीज मन मंदिर में नहीं लगाते हैं तब तक चाहे अनंत जन्म ले ले साधना की शुरुआत नहीं हो सकती है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने सनवाड़ में जैन स्थानक में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संकल्प ही सफलता का प्रवेश द्वार है।
उन्होंने कहा कि संकल्प के साथ निस्वार्थ भाव और कठोर परिश्रम हो तो दुनिया की कोई ताकत आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती है। संकल्प के साथ श्रद्धा और समर्पण का समावेश हो जाए तो फिर सफलता आपके चरण चूमेगी। राष्ट्रसंत ने कहा कि जितना संकल्प महान होगा उतना ही मानव ऊंचाइयों के शिखर को छुएगा। फौलादी संकल्प ही व्यवधानों को दूर करने के लिए सबसे अच्छा साधन है। जैन संत ने कहा कि समय को रोका नहीं जा सकता है। सफल बनाया जा सकता है। विलासिता में जिंदगी को खोना पशु के समान जीवन जीने के समान है। बिना लक्ष्य के जीवन दिशाहीन होकर भटकता है। नव दीक्षित देवांश मुनि ने कहा कि एक परी के महत्व को जानता है वही सच्चा पंडित और ज्ञानी है। महासती सुप्रभा ने कहा कि महापुरुषों के एक पल का समय जिंदगी की दिशा और दशा दोनों को बदल देता है। महासती सुमन प्रभा ने बताया कि अच्छे काम को कल के भरोसे छोड़ने वाला सबसे बड़ा अज्ञानी है। महासती डॉ.चेतना का भी मंगलमय प्रवेश हुआ। राष्ट्र संत ने सनवाड़ में बंद पड़ी गौशाला का अवलोकन किया। कार्यकर्ताओं की बैठक की तथा गौशाला को चालू करने का प्रस्ताव पारित किया गया।