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उदयपुर

संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने ली संभाग के कलक्टर्स की बैठक,नवाचारों और योजनाओं से लोगों को मिले लाभःभट्ट

उदयपुर15 फरवरी। संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा है कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र के निवासियों को राहत देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और सभी जिलाधिकारी प्रयास करें कि उनके नवाचारों और विभागीय योजनाओं से अधिकाधिक लोग लाभांवित हो।
संभागीय आयुक्त भट्ट मंगलवार को आयुक्तालय सभागार में संभाग के समस्त जिला कलक्टर्स और वन विभाग के अधिकारियों की विशेष बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर भट्ट ने जनजाति अंचल की भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए आवश्यकता आधारित ग्राम विकास योजना के क्रियान्वयन की जरूरत बताई और कहा कि इस दिशा में समस्त विभागों और जिला प्रशासन को मिलकर प्रयास करने होंगे तभी हम सरकार की मंशाओं के अनुरूप जनजाति उपयोजना क्षेत्र के निवासियों को राहत दे पाएंगे।
बैठक में संभाग में 2 लाख हैक्टेयर वन भूमि का अमल दरामद कराने पर चर्चा के साथ सभी कलक्टर्स से उनके उनके क्षेत्र में अमल दरामद की स्थिति की समीक्षा की गई। संभागीय आयुक्त भट्ट ने निर्देश दिए कि असर्वेक्षित भूमि की सर्वे के लिए राजस्व, वन और भू-प्रबंध विभाग की कमेटी बनाने के निर्देश दिए। इस दौरान कलक्टर्स ने जिलों में भू प्रबंध विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की अनुपलब्धता बताई जिस पर संभागीय आयुक्त ने भू प्रबंध आयुक्त को इस संबंध में अवगत करा कर कार्यवाही की बात कही।
बैठक में सीसीएफ आर.के.सिंह ने वन विभागीय गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर अतिरिक्त आयुक्त अंजलि राजोरिया, टीएडी अतिरिक्त आयुक्त वीसी गर्ग, उदयपुर कलक्टर ताराचंद मीणा, चित्तौड़गढ़ कलक्टर अरविंद पोसवाल, बांसवाड़ा कलक्टर अंकित कुमार सिंह, प्रतापगढ़ कलक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा, राजसमंद कलक्टर नीलाभ सक्सेना, डूंगरपुर कलक्टर शुभम चौधरी, जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष सहित समस्त जिलों के उप वन संरक्षक मौजूद थे।
वन धन से सुधरेगी ग्रामीणों की आर्थिक दशाः
संभागीय आयुक्त भट्ट ने जनजाति उपयोजना क्षेत्र में 4 हजार से अधिक गांवों में आयजनक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वनधन योजना का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा सकता है। इस योजना से वनोपज और स्थानीय उत्पादों के विपणन को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक दशा सुधरेगी।
इको सेंसेटीव जोन बनाने पर हुई चर्चाः
बैठक दौरान इको ट्यूरिज्म पॉलिसी, इको ट्यूरिज्म मैनेजमेंट प्लान और इको सेंसेटिव जोन बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई। उदयपुर कलक्टर ताराचंद मीणा ने इको ट्यूरिज्म जोन घोषित करने के लिए जोनल प्लान वन विभाग के माध्यम से तैयार करने का सुझाव दिया व बताया कि इसके लिए यदि आउटसोर्सिंग की जरूरत हो तो नगर निकायों से उपलब्ध कराया जाएगा।
कलक्टर्स ने दिया नवाचारों पर प्रजेन्टेशनः
बैठक दौरान संभाग के समस्त जिलों के कलक्टर्स ने अपने-अपने जिले में नवाचारों के रूप में क्रियान्वित किए जाने वाले कार्यक्रमों व अभियानों के बारे में पावर प्वाईंट प्रजेन्टेशन दिया। इस दौरान उदयपुर कलक्टर ताराचंद मीणा ने ‘मिशन कोटड़ा’ के तहत पालनहार योजना के क्रियान्वयन, चित्तौड़गढ़ कलक्टर अरविंद पोसवाल ने चित्तौड़गढ़ में पर्यटन से जुड़ी समस्याएं और विकास के लिए किए जा रहे प्रयास, बांसवाड़ा कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने कुपोषण मुक्ति के लिए चलाए गए पोषण स्वराज अभियान, प्रतापगढ़ कलक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा ने आईएम शक्ति उड़ान योजना, राजसमंद कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने कृषि क्षेत्र के नवाचारों व डूंगरपुर कलक्टर शुभम चौधरी ने ‘मिशन बुलंदीरू पढ़ेगा डूंगरपुर-बोलेगा डूंगरपुर’ अभियान पर प्रस्तुतिकरण दिया। संभागीय आयुक्त ने सभी कलक्टर्स के नवाचारों की सराहना की।

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