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संत ने निकाली गौ पदयात्रा,किया गायों का पूजन
फतहनगर। गौ शाला एवं गौ रक्षा को लेकर राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश की प्रेरणा से ही आज सनवाड़ की गौ शाला एवं गौ रक्षा के लिए लोगों ने आगे आकर तन,मन एवं धन से सहयोग की घोषणाएं की। राष्ट्र संत ने इसके लिए लोगों को जागरूक किया तथा कई लोग प्रेरित होकर आगे भी आए। इसी प्रेरणा से नगर पालिका के चेयरमेन ज्ञानचंद पाटोदी ने गौशाला परिसर में घास घर बनाने हेतु 21 लाख रुपए की राशि का आश्वासन दिया जो मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा। नगरपालिका उपाध्यक्ष राजेश चपलोत ने कहा कि प्रतिवर्ष नगरपालिका की ओर से 1100000 रुपए देने का प्रस्ताव पास किया जाए। गौशाला के अध्यक्ष कुंदनमल सेठिया, महामंत्री सत्यनारायण अग्रवाल ने बताया कि 13 लाख की राशि विभिन्न दानदाताओं ने मुनि कमलेश की प्रेरणा से घोषित की। पूर्व अध्यक्ष अतुल घडोलीया ने नगर पालिका से गोशाला जमीन हेतु एनओसी देने की मांग की। राजसमन्द पूर्व जिला प्रमुख नंदलाल सिंघवी ने मकर सक्रांति पर गौ जन जागरण का संकल्प जनता को दिलाया। गोपाल सोनी, नितिन सेठिया आदि ने गौ माता का पूजन किया। जसवंत सुराणा, सत्यनारायण त्रिपाठी, ओम प्रकाश सेन, माधुलाल जाट, मुकेश खटीक, पप्पू महाराज, नाथूलाल चोपड़ा सहित सैकड़ों ग्राम वासियों ने गो पदयात्रा में भाग लिया। गाय की पूजा करके गौशाला का शुभारंभ किया गया। देवांश मुनि ने मंगलाचरण किया। इस अवसर पर कमल मुनि ने गौ भक्तों प्रवचन प्रदान करते हुए कहा कि जंगली खूंखार प्राणियों के शिकार पर तो सरकार कठोर दंड देती है तो फिर पालतू पशुओं के ऊपर खंजर चलाने की इजाजत कैसे। यह दोहरे कानून राष्ट्र का अपमान करने के समान है। उन्होने कहा कि पशुधन का कोई विकल्प नहीं है। ये हीरे,पन्ने ,माणक, मोती से भी कीमती है।
मुनि कमलेश ने कहा कि इंसान के बिना पशु जंगलों में जिंदा रह सकता है लेकिन पशु के बिना इंसान एक पल भी जिंदा नहीं रह सकता है। पशुओं का कत्ल इंसानों के कत्ल करने के समान हैं। पशुओं की रक्षा में इंसानों की रक्षा निहित है। राष्ट्र संत ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और हुआ पशुधन प्रकृति पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक संकेत है। नकली दूध और घी की भरमार असाध्य रोगों का शिकार बना रहा है। सुप्रीम कोर्ट तक ने माना है कि 30प्रतिशत दूध नकली आ रहा है।