नई दिल्ली. चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने आज लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेते हुये प्रश्नकाल के दौरान तारांकित प्रश्न के माध्यम से महिला एवं बाल विकास मंत्री से राष्ट्रीय पोषण आभियान एवं राजस्थान में कुपोषण की समस्या पर सरकार से प्रश्न किया व राजस्थान प्रदेश में कुपोषण की स्थिति पर चरणबद्ध तरीके से नियंत्रित करने लिए किए गए विभिन्न उपायों के विवरण की जानकारी चाही।
सांसद जोशी के प्रश्न के जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा की सरकार ने कुपोषण के मुद्दे को उच्च प्राथमिकता दी है और सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण मिशन 2.0 का कार्यान्वयन कर रही है। जिसमें पोषण अभियान, आंगनवाड़ी सेवाएं और किशोरी स्कीम जैसे प्रमुख स्कीम शामिल है, जो कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए प्रत्यक्ष लक्षित हस्तक्षेप है।
देश में कुपोषण आंगनवाड़ी सेवा स्कीम के तहत लाभार्थी 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं हैं। लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्म पके भोजन और टेक होम राशन (कच्चा राशन नहीं) के रूप में पूरक पोषण प्रदान किया जाता हैं।
पोषण मिशन 2.0 राजस्थान राज्य सहित सभी राज्य संघ राज्य क्षेत्र के बजट 2021-22 में एक एकीकृत पोषण कार्यक्रम की घोषणा की गई है। इसका लक्ष्य पोषण सामग्री, वितरण, आउटरीच और परिणामों को सशक्त बनाना है, जिसमें स्वास्थ्य, कल्याण और रोग एवं कुपोषण से प्रतिरक्षा का पोषण करने वाली विकासशील प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। प्रशासन में सुधार के लिए पोषण ट्रैकर के तहत पोषण की गुणवत्ता में सुधार, वितरण को मजबूत करने एवं प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए उपाय किए गए हैं।
सांसद जोशी के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि राजस्थान के सभी 33 जिलों में कुपोषण को दूर करने के लिए एक लक्षित स्कीम के तहत के रूप में पोषण अभियान शुरू किया गया है । 31 दिसंबर 2022 तक राज्य में 48, 77, 364 लाभार्थियों को मिशन पोषण 2.0 के तहत प्रदान की जाने वाली प्रमुख सेवाओं की डेटा प्रविष्टि और निगरानी की सुविधा प्रदान करने वाली आईसीटी एप्लीकेशन पोषण ट्रैकर पर पंजीकृत किया गया है।
राजस्थान राज्य में आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों की नियमित विधि की निगरानी के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए 67, 468 स्मार्टफोन और 59, 493 बढ़त निगरानी डिवाइस जैसे इन्फैंटोमीटर, स्टेडोमीटर और वेइंग स्केल की खरीद की है।
पोषण अभियान के तहत एक प्रमुख घटक जन आंदोलन के माध्यम से समुदायों में पोषण और स्वास्थ्य की मांग वाले व्यवहार में व्यवहार परिवर्तन है । राजस्थान राज्य में पोषण पखवाड़ा 2022 के दौरान लगभग 45 हजार गतिविधियां आयोजित की गई और पोषण माह 2022 के दौरान लगभग 14.2 लाख गतिविधियां आयोजित की गई है। मुख्य विषय में एनीमिया पर ध्यान देने के साथ ’महिला और स्वास्थ्य’, ’बच्चा और शिक्षा’ जनजाति क्षेत्रों में लिंग संवेदी जल प्रबंधन और स्वस्थ माता और बच्चे के लिए पारंपरिक भोजन शामिल है।
केंद्र सरकार के प्रयासों से एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान राज्य में एनएफएचएस-4 (2015-16) की तुलना में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के पोषण संकेतों में सुधार हुआ है। दुबलापन 23 प्रतिशत से घटकर 16.8 प्रतिशत, अल्पवजन 36.7 प्रतिशत से घटकर 27.6 प्रतिशत और ठिगनापन 39.1 प्रतिशत से घटकर 31.8 प्रतिशत रह गया है।
सांसद जोशी ने केन्द्र सरकार के द्वारा राजस्थान समेत देश भर के लिये महिलाओं एवं बच्चैं के पोषण के लिये किये जा रहे कार्यो के लिये केन्द्र सरकार एवं जानकारी प्रदान किये जाने के लिये केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ईरानी स्मृति का आभार व्यक्त किया।