जयपुर,। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, श्री टीकाराम जूली द्वारा आज सोमवार को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के नवीन पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिए नवीन पोर्टल में कई नए प्रावधान किए गए हैं। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का समय पर भुगतान हो जाना नवीन पोर्टल का प्रमुख उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि इस बार जुलाई माह में ही छात्रवृत्ति पोर्टल को खोला गया है ताकि विद्यार्थी अपने कॉलेज/संस्थान में प्रवेश के समय ही छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकें। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ऑनलाइन की गई सभी योजनाओं की, सभी ने तारीफ की है, विशेषकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की। उन्होंने विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों और आईटी टीम का धन्यवाद दिया।
शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, डॉ समित शर्मा ने नवीन पोर्टल में किए गए नवाचारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नवीन पोर्टल में फीस रसीद विलोपित कर पाठ्यक्रम वार पुनर्भरण योग्य राशि का पोर्टल द्वारा स्वतः गणना कर प्रतिपूर्ति किए जाने का प्रावधान करते हुए राजकीय संस्थानों के समस्त व निजी संस्थानों के केवल नवीनीकरण आवेदन पत्रों को जिला कार्यालय पर स्वतः सत्यापन की व्यवस्था प्रभावी की गई है
उन्होंने कहा कि नवीन पोर्टल के तहत शिक्षण संस्थान के पेज पर पाठ्यक्रम वार व कक्षा वार फीस स्ट्रक्चर पूर्व में ही भरने व तदनुसार छात्रवृत्ति भुगतान तथा आधार बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही आवेदन अग्रेषण/ सत्यापन व स्वीकृति की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि इस बार आवेदन पत्रों के त्वरित निस्तारण के लिए विद्यार्थी व शिक्षण संस्थान को प्रत्येक 7 दिवस में चेतावनी संदेश प्रसारित किया जाएगा व आक्षेप पूर्ति नहीं करने पर 30 दिवस में आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही आवेदन पत्रों की मानवीय प्रक्रिया से सत्यापन की स्थिति में वेरीफाई स्तर पर आवेदनों को जांचने की समय सीमा को 10 दिवस व जिलाधिकारी स्तर पर 10 दिवस तक किए जाने की समय सीमा निर्धारित की गई है।
शासन सचिव ने आगे बताया कि नवीन पोर्टल पर मार्च 2020 से विद्यार्थी के गत वर्षों के आवेदन का विवरण विद्यार्थी के आवेदन पर ही सत्यापनकर्ता को प्रदर्शित किए जाने के कारण गैप प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
इस बार योजना में अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के नवीन दिशा निर्देश अनुसार विद्यार्थी की छात्रवृत्ति की सुनिश्चितता हेतु पोर्टल पर फ्रीशिप कार्ड का प्रावधान किया गया है ताकि इच्छुक व्यक्ति द्वारा अपना विवरण अंकित करने पर उसकी पात्रता का स्वतः सत्यापन होकर स्वतः एक फ्रिशिप कार्ड जारी होगा।
डा. शर्मा ने बताया कि नये प्रावधानों के तहत अगले शैक्षणिक सत्र में उपस्थिति या पदोन्नति के आधार पर छात्र का छात्रवृत्ति नवीनीकरण हेतु स्वतः आवेदन होगा तथा विश्वविद्यालयों/ महाविद्यालयों के प्रवेश व परीक्षा के डेटाबेस को डिजिलॉकर डेटाबेस से डिजिटल रूप से जोड़ा गया है ताकि पोर्टल इस डेटाबेस से आवश्यक जानकारी प्राप्त करने में सक्षम हो ताकि स्वीकृति व नवीनीकरण हेतु छात्र की पात्रता भी निर्धारित हो सके।
इस अवसर पर आयुक्त, विशेष योग्यजन, श्री गजानंद शर्मा, निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, श्री हरि मोहन मीणा, जिला स्तरीय अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।