संसद में नागरीक उड्डयन मंत्रालय से संबधी चर्चा में लिया भाग
नई दिल्ली । चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने मंगलवार को लोकसभा में वर्ष 2022-23 के बजट में नागरीक उड्डयन मंत्रालय की अनुदान की मांगों पर सदन की चर्चा में भाग लिया तथा इस वर्ष के बजट में नागर विमानन मंत्रालय के लिये किये गये बजटीय प्रावधानों, आंवटित राशि, संसदीय क्षेत्र के लिये किये गये कार्यो एवं वहॉ की मुख्य आवश्यकता उदयपुर हवाई अड्डे से अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों को प्रारंभ करने के संबधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
सांसद जोशी ने कहा की एयरपोर्ट्स, इनफ्रास्ट्रक्चर का एक महत्वपूर्ण अंग है और यह पी.एम. गतिशक्ति के सात इंजनों में से भी एक है। इस बार के बजट में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लिए 10 हज़ार 667 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पहले यह मंत्रालय केवल अमीरों के लिए थी क्योंकि अमीर लोग ही हवाई यात्रा कर पाते थे लेकिन अब चप्पल पहनने वाले लोग भी हवाई यात्रा कर रहे हैं। यह अगर संभव हो पाया है तो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों के कारण। मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम उड़ान योजना से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हम नई उड़ान भर रहे हैं। इस साल के बजट में उड़ान योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उड़ान योजना के तहत देश में 400 से अधिक रूट पर हवाई यात्रा शुरू की गई जिसमें राजस्थान में 42 रूट शामिल किया गए हैं।
क्षेत्र के स्थानिय विषयों पर बात करते हुये सांसद जोशी ने सदन के माध्यम से नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से आग्रह किया की संसदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ के उदयपुर जिले के डबोक में स्थित महाराणा प्रताप हवाई अड्डा, उदयपुर से खाड़ी देशों समेत पर्यटन वाले अन्य देशों के लिये नई अर्न्तराष्ट्रीय उडानों को प्रारंभ किये जाने की अत्यन्त आवश्यकता है। उदयपुर हवाई अड्डा दक्षिणी राजस्थान का महत्वपुर्ण हवाई अड्डा है। यह क्षेत्र मेवाड़ अपने प्राकृतिक सौन्दर्य व संसाधनों के कारण विश्व में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, साथ ही विश्व का विख्यात वेडिंग डेस्टीनेशन है। यहॉ पर ट्युर पैकेज से भी हजारों पर्यटक आते है। उदयपुर तथा आस-पास के जिलों से खाड़ी देशो में भी हजारों लोग कार्य करते हैं, तथा वहॉ व्यापार व रोजगार में लगे है, जिनका अन्य देशों से लगातार आना व जाना लगा रहता है। इसके साथ साथ शिक्षा व प्रोद्योगिकी एवं चिकित्सा के लिये भी यहॉ विशेषज्ञों का विदेश से आना जाना लगा रहता है। यहॉ के उद्योगों के लिये भी विदेशों से डेलिगेशन का आना जाना होता रहता है। यहॉ पर प्रसिद्ध सीमेंट उद्योग, मार्बल उद्योग, खनन उद्योग आदि की विश्व में अपनी पहचान है। यहॉ का आध्यात्मिक सर्किट जिसमें श्रीसांवलियाजी, नाथद्वारा, त्रिपुरासुंदरी जैसे धार्मिक स्थलों के साथ साथ विश्वविरासत दूर्ग चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, माउन्ट आबु, भैंसरोड़गढ़, प्रतापगढ़ के साथ झीलें राजसमन्द, जयसमन्द, फतहसागर, पीछोला व रमणीय वन्य जीव अभयारण्य सीतामाता, बस्सी, चम्बल, रणकपुर यहॉ पर विश्व भर से पर्यटकों को आर्कषित करते है।
इसके साथ ही उदयपुर हवाई अड्डा अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के सभी मापदण्ड पुर्ण करता है। यहॉ से कार्गो की सुविधा भी सुविधा भी प्रारंभ हो चुकी है। उदयपुर एयरपोर्ट पर नाईट लेंडिग सुविधा उपलब्ध हैं तथा इमिग्रेशन टीम ने यहॉ का दौरा किया हैं तथा उसके लिये आवश्यक उपकरणों की स्थापना भी की जा चुकी है। उदयपुर एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन विभाग का कार्यालय स्थापित करने के लिए सर्वे किया जा चुका है। उदयपुर एयरपोर्ट पर आवश्यक रनवे एवं ऐप्रोन कार्य कर रहे है। इंटिग्रेटेड टर्मिनल का कार्य स्वीकृत हो गया एवं डिजायन फेज में चल रहा है। कस्टम विभाग के वहॉ पर स्थापित करने की आवश्यकता है।
इस वर्ष फरवरी माह में उदयपुर एयरपोर्ट पर पैसेंजर फूटफॉल 1 लाख से अधिक रहा है और 900से अधिक एयरक्राफ्ट मूवमेंट हुए। यदि उदयपुर एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने शुरू हो जाती हैं तो मेवाड़ में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी । इससे पर्यटन इंडस्ट्री का और विकास होगा तथा उदयपुर संभाग के सभी जिलों की की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। सांसद जोशी ने बताया की उदयपुर एयरपोर्ट पर ट्रैफिक और नॉन-ट्रैफिक राजस्व में वृद्धि हुई है। उदयपुर एयरपोर्ट पर कार्गो परिवहन के संचालन के पश्चात इसकी बढ़ती संभावना को देखते हुए नए कार्गो टर्मिनल का प्रस्ताव मुख्यालय स्तर पर विचाराधीन है। विमान प्रचालन की सेफ्टी के लिए रनवे रिकारपेटिंग का कार्य प्रारंभ हो गया है ।
40 हज़ार स्क्वायर मीटर के नए टर्मिनल भवन के निर्माण का कार्य भी स्वीकृत हो गया है। वी.वी.आई.पी. के लिए बी-777 एयरक्राफ्ट की लैंडिंग हो सके इसके इए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं, और रनवे विस्तार के लिए भी कार्य प्रगति पर है। साथ ही, हैंगर को लेकर भी काम किया जा रहा है।
सांसद जोशी ने आग्रह किया उदयपुर से गोवा, इंदौर, जयपुर, कोलकाता, पुणे, सुरत और चंडीगढ़ के लिए नियमित रूप से विमान सेवाएं प्रारंभ की जाए। इसके साथ ही उड़ान योजना के तहत पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उदयपुर से जैसलमेर और जोधपुर के लिए विमान सेवाएं शुरू की जाए।
इसके साथ ही मेरा आपसे अनुरोध रहेगा की भीलवाड़ा सीमा पर स्थित हम्मीरगढ़ हवाई पट्टी का विकास भी किया जाये क्योंकी भीलवाड़ा एक टैक्सटाईल सीटी हैं, जिसको राजस्थान का मैनचेस्टर भी कहा जाता है, इसके आस पास का क्षेत्र सोनियाणा, गंगरार आदि बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं इस कारण विभिन्न उड़ानों के लिये यहॉ पर संभावना बन सकती है, तथा इसके विकास से किसी उडान के लिये यहॉ पर एक सुरक्षित व सुविधायुक्त हवाई पट्टी उपलब्ध हो सकेगी। उड़ान योजना के तहत इसको भी जोड़े जाने की आवश्यकता है।
इसी तरह उदयपुर जयपुर के मध्य इण्डिगों एवं स्पाईसजेट की उडान जो की मार्च के बाद के शेड्युल में लगातार नही रह पायी उनको भी वापिस शेड्युल में लिये जाने की आवश्यकता है।
सांसद जोशी ने बताया की वर्त्तमान में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में सरकार की देखरेख में ऑपरेशन गंगा के तहत 22 हज़ार से अधिक भारतीयों को देश वापस लाया गया। जिसमें संसदीय क्षेत्र चित्तौड़गढ़ के भी अनेकों छात्र शामिल थे।
इस सभी कार्यो एवं विगत वर्षों में प्रदान की गयी सौगातों के लिये सासंद जोशी ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं नागरीक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह का आभार व्यक्त किया।