उदयपुर, 6 मार्च। हिरणमगरी सेक्टर-4 में श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान के तत्वावधान में सोमवार को होली चौमासी का आयोजन
झीलों की नगरी उदयपुर में पहली बार पहुंचे आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि, वाणी के जादूगर डॉ. समकितमुनिजी म.सा., उप प्रवर्तिनी पूज्य दिव्य प्रभा जी मसा, महासाध्वी जयश्रीजी मसा के सानिध्य में हुआ। इस मौके पर चतुर्विद संघ की मौजूदगी ने आयोजन को भव्यता ओर गरिमा प्रदान की। आयोजन के शुरू में चित्तौड़ श्रीसंघ के उपाध्यक्ष अजित नाहर ने श्रीसंघ की ओर से साध्वी जयश्रीजी मसा का आगामी चातुर्मास चित्तौड़गढ़ संघ को प्रदान करने की विनती की। इस विनती पर जयश्रीजी मसा ने कहा कि अगला चतुर्मास कहां करना है इसकी घोषणा भाई महारासा पूज्य समकित मुनिजी करेगे। समकित मुनिजी ने कहा कि श्रमण संघ के आचार्य श्री एवं क्षेत्रीय प्रवर्तक की आज्ञा के अनुसार द्रव्य, क्षेत्र, काल,भाव सभी का आगार रखते हुए बहन महारासा जयश्रीजी का आगामी चातुर्मास चित्तौड़गढ़ खातरमहल श्रीसंघ को प्रदान किया जाता है। इस घोषणा पर हर्ष-हर्ष का जयघोष हुआ। चित्तौड़गढ़ पूज्य जयश्री मसा की जन्मभूमि भी है। इस मौके पर पूज्य उप प्रवर्तिनी पूज्य दिव्यप्रभाजी मसा की ओर से श्रावक समाज ने पूज्य समकितमुनिजी म.सा. को आदर की चादर समर्पित की। श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान की ओर से पूज्य जयश्रीजी म.सा. को मेवाड़ चंद्रिका का पद प्रदान करते हुए आदर की चादर समर्पित की।
प्रवचन में पूज्य समकित मुनिजी ने कहा कि होली चौमासी बहुत बड़ा पर्व है। साल में तीन चौमासी आषाढी, कार्तिक और फाल्गुनी आती है। इनका एक ही संदेश होता है दूसरों की गलती भूल जाओ ओर अपनी गलती स्वीकार कर लो। यही जिनशासन का मूल है। इसीलिए चौमासी प्रतिक्रमण का विशेष महत्व है। एक चौमासी से दूसरी चौमासी के मध्य चार माह में जो भी गलती हुई हो उसके लिए क्षमा याचना करने का अवसर ये चौमासी है। मुनिश्री ने कहा कि सन्यास लेना आसान है लेकिन अभिमान से सन्यास लेना कठिन है।सबसे मुश्किल कार्य होता है भीतर के दुर्गुण छोड़ना। यह नहीं छूटने तक इंसान बदल कर भी नहीं बदल पाता है। दुर्गुणों से संन्यास लेने की जरूरत है। बाहरी परिवर्तन से ज्यादा महत्वपूर्ण भीतरी परिवर्तन है। पूज्य उप प्रवर्तिनी दिव्यप्रभाजी मसा ने कहा कि होली पर्व में सामाजिक एकता के बीज विद्यमान है। इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं है। यह पर्व कटु शब्दों को भूलने का अवसर है। अपने मन को साफ सुथरा कर दें तभी रंग बिरंगी होली की सार्थकता है। आत्मीय बदलाव होकर राग द्वेष मुक्त होकर वीतरागता आने पर ही धर्म है। साध्वी जयश्रीजी मसा ने होली से जुड़े प्रसंगों की चर्चा करते हुए कहा कि जल से रंग नहीं खेले इससे जीव हिंसा होती है।
फिर गूंजी वाणी उदयपुर चातुर्मास अभी बाकी है
सेक्टर-4 श्रीसंघ सहित उदयपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रावक-श्राविकाओ ने सोमवार को एक बार फिर पूज्य समकित मुनिजी से वर्ष 2024 के चातुर्मास की विनती करते हुए कहा कि ये तो ये तो झांकी है चौमासा अभी बाकी है। समकितमुनिजी म.सा. ने कहा की होली चतुर्मास में बहुत सुंदर माहौल बना है इसका सारा श्रेय संस्थान की टीम को देता हूं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के चतुर्मास की उदयपुर चातुर्मास की विनती की गई है उसके लिए आभारी है। दो-तीन संघो का पहले से प्रयास चल रहा है। आगामी वर्ष चातुर्मास कहा होंगा ये अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिर जैसा गुरुदेव ओर आचार्यश्री का आदेश होगा वैसी भावना बनेगी। धर्मसभा में महासाध्वी दिव्यप्रभाजी मसा ओर जयश्रीजी मसा ने भी पूज्य समकितमुनिजी का उदयपुर चातुर्मास कराने की श्रीसंघ की भावना का साथ देते हुए कहा कि वह भी इस भावना के साथ हैं।
धर्मसभा में गायनकुशल जयवंतमुनिजी म.सा. ने ‘ गुरुवर सा थारी शरण हर पल चाहा’ ओर पूज्य साध्वी प्रांजलश्रीजी ने ‘ भावना एक है प्रभु स्वीकार लेना’ गीत की प्रस्तुति देकर माहौल को भक्तिपूर्ण बना दिया। जैन दिवाकर महिला परिषद की बहनों ने भी गीत की प्रस्तुति दी।
धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा., महासाध्वी वैभवश्रीजी, निरुपमाश्रीजी आदि ठाणा का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। आभार श्रीसंघ के अध्यक्ष देवेन्द्र धींग ने जताया। संचालन श्रीसंघ के मंत्री महेन्द्र पोखरना एवं होली चातुर्मास संयोजक अनिल जारोली ने किया। धर्मसभा में विभिन्न स्थानों से आए श्रावक-श्राविकाएं भी मौजूद थे।
होली से होली तक संभालना संघ का कार्य
पूज्य समकित मुनिजी मसा ने कहा किसी भी संघ का दायित्व चार-पांच माह का चातुर्मास कराके पूर्ण नहीं हो जाता है। सम्बंधित संत-साध्वीजी को होली से होली तक संभालना उस संघ की जिम्मेदारी होती है। भीलवाड़ा संघ ने इस बार हमारे चतुर्मास में यह जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। धर्मसभा में पूना आदिनाथ संघ के अध्यक्ष सचिन टांटिया ने सभी से पूज्य समकित मुनिजी के वर्ष 2023 के पूना चातुर्मास के दौरान दर्शन लाभ के लिए पधारने का आग्रह किया। भीलवाड़ा शांति भवन संघ के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र चीपड,वरिष्ठ सुश्रावक नवरत्नमल बंब ने भी विचार व्यक्त किए। भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, चेन्नई आदि स्थानों से कई श्रावक परिवार सहित दर्शनों के लिए पहुंचे थे।
श्रमण संघ परिषद ने किया सम्मान
पूज्य समकितमुनि जी म.सा. के सानिध्य में श्रमण संघ परिषद, सेक्टर 4 उदयपुर की ओर से
चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, पूना आदि स्थानों से पधारे श्रावक संघों के प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों का स्वागत सम्मान किया गया। परिषद की ओर से पूना आदिनाथ जैन संघ के अध्यक्ष सचिन रमेशचन्द्र टांटिया, चितोड़गढ़ श्रीसंघ के अध्यक्ष अशोक मेहता, मंत्री सुनील बोहरा, उपाध्यक्ष अजित नाहर, पूर्व अध्यक्ष सुरेश मेहता, हस्तीमल चोरड़िया,जैन दिवाकर महिला परिषद की अध्यक्ष अंगुरबाला भड़कत्या, महामंत्री नगीना मेहता, कोटड़ी संघ के सुशील पोखरना, बड़ा महुआ संघ के श्रवण खारीवाल, समकित की यात्रा मीडिया समन्वयक निलेश कांठेड़ का सम्मान किया गया। सम्मानित करने वालों में सेक्टर-4 संस्थान के अध्यक्ष देवेन्द्र धींग, मंत्री महेंद्र पोखरना, होली चातुर्मास संयोजक अनिल जारोली, सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रकाशचंद्र पगारिया, पूर्व अध्यक्ष फूलचंद पोखरना, मदनलाल सिंघवी आदि शामिल थे।
सेक्टर 4 से 8 मार्च को विहार कर पहुचेगे आयड़
प्रस्तावित विहार कार्यक्रम के अनुसार पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा हिरणमगरी सेक्टर-4 स्थानक से होली चातुर्मास के बाद 8 मार्च को सुबह विहार कर उदयपुर शहर के आयड़ क्षेत्र में ऋषभ भवन पहुच सुबह 9 बजे से प्रवचन देंगे। प्रवचन के तुरन्त बाद विहार कर सेक्टर-5 स्थानक पहुचेगे जहां रात्रिकालीन प्रवचन होंगे। इसके बाद 9 मार्च को उदयपुर से सूरत की दिशा में विहार करेंगे। महाराष्ट्र के नासिक में पूज्य समकितमुनिजी के सानिध्य में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया पर वर्षीतप पारणा महोत्सव होंगा। उनका वर्ष 2023 का चातुर्मास पूना के आदिनाथ जैन स्थानक भवन के लिए घोषित है, जहां चातुर्मासिक प्रवेश 25 जून को होगा।
(निलेश कांठेड़)
मीडिया समन्वयक, समकित की यात्रा-2023
मो.9829537627