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फतहनगर(कन्हैयालाल अग्रवाल)। श्री कृष्ण महावीर गौशाला, फतहनगर में चल रहा नानीबाई का मायरा कथा का मंगलवार को समापन हुआ। कथा के अंतिम दिन प्रवक्ता माणक मेनारिया ने कहा हरि स्मरण व भजन में व्यवधान नहीं पहुँचाना चाहिए। आगे कहा द्रौपदी की साड़ी रूप में वस्त्रावतार लेकर ओर गजराज जैसों की रक्षा करने वाले प्रभु सर्वशक्तिमान है।
मीरां प्रसंग पर कहा मीराँबाई को कई कष्ट दिये पर भजनों को नहीं रोक सके। आखिर परेशान होकर मीराँ मेवाड़ छोड़ कर वृंदावन होते हुए द्वारिका जाकर कृष्ण भक्ति में खो जाती है। मीराँ के चले जाने से मेवाड़ में दुर्भिक्ष पड़ जाने और संतो के सुझावों पर परिवार सहित जाकर मनाकर उन्हें वापस मेवाड़ लाने की चर्चा की। आगे कहा जगत में बेटी तो गरीब होती ही है लेकिन उससे भी गरीब बेटी का पिता होना है। कथा में प्रवेश करते नरसीजी के ठहराने के स्थान,भजन,भोजन की चर्चाएं करते कहा पिता की हालत और अपमान देख कर नानीबाई दुःखी होती है।नरसीजी ने नानीबाई को विभिन्न भक्तों पर की गई प्रभुता को बता कर समझा कर कहा मुझे साँवरिया जी पर पूरा विश्वास है नहीं आयेंगे तो मेरी नहीं इज्जत उन्हीं की बिगड़नी है।बासी भोजन भी नरसीजी के भोग लगाते ही छप्पन भोग हो जाता है।नरसीजी की वंदना और करुण पुकार की मार्मिक प्रस्तुति दी गई।सांवरिया जी का मायरा लेकर जूनागढ़ होते नगर अंजान पहुंच कर नानीबाई के भात भरने की नृत्य और झाँकीमय प्रस्तुति के साथ कथा का समापन किया गया।आज की कथा में आये सैंकड़ो भक्तों का नृत्य और भावनाएं भाव विभोर करने वाली रही। आज गौशाला सहयोग हेतु श्रोताओं के मध्य फेरी गई जोली में व्यासजी सहित सभी ने राशि अर्पित की। आज की कथा में ताणा से पधारे निरंजन शास्त्री का मंच पर गौसेवा परिवार की ओर से उपरणा पहना कर स्वागत किया गया।