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फतहनगर। काले सोने के नाम से प्रसिद्ध अफीम की फसलों पर इन दिनों सफेद फूल खिलने प्रारंभ हो गए हैं। ईंटाली क्षेत्र में फूल आने के साथ ही किसान भी चैकन्ने हो गए हैं। खराब मौसम हो या ओलावृष्टि,शीत लहर अथवा नील गायों का प्रकोप हो,सबसे फसल को बचाने के लिए किसान तरह-तरह के जतन करता है। एक किसान ने बताया कि इस फसल की सुरक्षा के लिए खेत के चारों तरफ जाली लगाई जाती हैं तथा उसके ऊपर प्लास्टिक की जाली से उसको पूरा पॉलीहाउस की तरह प्लास्टिक की जाली लगाकर पैक कर दिया जाता है ताकि कोई पक्षी इस फसल के एक भी तने को, कली और अफीम के डोडे को तोड़कर नहीं ले जा सके या नुकसान नहीं पहुंचा सके। इसके बचाव हेतु ऊंचे दामों पर जालियां खरीदने को मजबूर हैं,वही जाली के आसपास रंग बिरंगे कपड़े लगाकर नील गायों को डराकर भगाने के भी जतन कर रखे हैं। यही नहीं दिन रात खेत के चक्कर लगाने पड़ते हैं और फसल पूर्णतया आने पर तो किसान का पूरा परिवार खेत पर ही डेरा डाल देता है। नील गायों के कारण तो इस क्षेत्र के किसान काफी परेशान हैं लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं होने से किसान भी ठिठुरन भरी रातें खेतों पर गुजरने को मजबूर हैं।