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फतहनगर। 2006 के बाद पहली बार इस क्षेत्र के जलाशयों में भरपूर पानी आया तथा सर्वत्र कुए रिचार्ज हुए। इसी के चलते क्षेत्र में कहीं भी कोई खेत ऐसा नहीं है जिसमें कोई फसल खड़ी न हों। कुओं में पानी होने से सभी जगह खेतों में गेंहू की लहलहाती फसल को देखा जा सकता है। अच्छा पानी होने से फसलें भी पूरे यौवन पर है तथा इन दिनों गेहूं की फसल पर बालियां निकल चुकी है। सब कुछ ठीक रहा तो इस बार किसानों को गेहूं की बम्पर पैदावार मिलने की उम्मीद है। हालांकि इस फसल को नील गायों से बचाना किसानों के लिए चुनौती बना हुआ है। नील गायों की इस क्षेत्र में काफी तादाद है तथा किसान रात के समय अपने खेतों पर रखवाली करने को मजबूर है। ठिठुरन के बावजूद किसान खेतों में खड़ा रहता है तथा भांति-भांति के तरीके अपनाकर नील गायों के झुण्ड को भगाने का प्रयत्न करता है। खेतों में बिजूके भी खड़े कर रखे हैं लेकिन नील गायें इनसे भी नहीं भागती। किसान देर शाम तक खेतों पर डटा रहता है तथा लकड़ी एवं लाइट के जरिए नील गायों के झुण्ड को भगाता है। इतना करने के बावजूद भी कभी-कभी नील गायें फसल को क्षति पहुंचा ही देती है।