https://www.fatehnagarnews.com
जयपुर, 27 फरवरी। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो देश में एमएसएमई सेक्टर के उद्योगों का विकास एवं उनकी समस्याएं दूर किया जाना जरूरी है। राज्य सरकार नीति निर्माण एवं कई प्रकार की प्रोत्साहन योजनाओं से इस दिशा में काफी अच्छा काम कर रही है। सीआईआई जैसे औद्योगिक संगठनों की भूमिका भी सकारात्मक माहौल के निर्माण में महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल गुरूवार को यहां होटल राजपूताना शेरटन में कॉनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के 125 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ‘‘राजस्थान स्टेट एनुअल सैशन 2020, राजस्थानः ए लैण्ड ऑफ ऑपरचुनिटीज फोर एमएसएमई एण्ड इंडस्ट्री‘‘ विषयक सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान के मूल कर्तव्यों में भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं ज्ञानार्जन का उल्लेख है, आज इसी की आवश्यकता है कि उद्योग वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं ज्ञानार्जन से नवाचारों को अपनाते हुए आगे बढें। बडे़ उद्योगोंं को चाहिए कि छोटे उद्योगों से छोटे-छोटे पुर्जे, सामान तैयार करवाएं क्योंकि दोनों प्रकार के उद्योग एक दूसरे पर आश्रित हैं।
श्री मिश्र ने कहा कि छोटे उद्योगाेंं को पंजीकरण, ऋण प्राप्ति, वित्त, विपणन, बिक्री, एक्सपोर्ट, मार्केटिंग में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने उनकी कठिनाइयों को दूर करने का व्यापक प्रयास किया है लेकिन उद्योगों को भी केवल सरकार की योजनाओं के भरोसे न रहकर अपने आप में आत्मविश्वास पैदा करना चाहिए। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने उद्योग आधार मेमोरेण्डम लॉंच किया था जिससे लघु उद्योगों के पंजीकरण में अत्यधिक वृद्धि हुई थी। सीआईआई जैसे संगठनों ने भी एमएसएमई के प्रोत्साहन के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है।
श्री मिश्र ने इस मौके पर सभी उपस्थितियों को भारतीय संविधान की उद्येशिका एवं मूल कर्तव्यों का पठन कराया एवं उनके भावों को जीवन में उतारने का आह्वान किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग डॉ.सुबोध अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान एमएसएमई के क्षेत्र में अग्रणी है। पिछले वर्ष के आरम्भ में जब द राजस्थान माइक्रो स्मॉल एण्ड मीडियम एन्टरप्राइजेज (फेसिलिटेशन ऑफ एस्टेबिलिशमेंट एण्ड ऑपरेशन ऑर्डिनेंस 2019) आया तो इसके जरिए 17 विभागों की करीब 101 तरह की अनुमतियों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई। यहां तक कि इंस्पेक्शन की बाध्यता भी नहीं रही जिससे उद्योग कागजी कार्यवाही में न उलझें और अपने उद्योग की बेहतरी के लिए काम करें। पोर्टल rajudyogmitra.rajasthan.gov.in के जरिए मात्र 2 मिनट में डिजिटल साइन से प्रमाणपत्र जारी होने लगा है। यह एक्ट देश में अपनी तरह का पहला एक्ट है जिसका अध्ययन दूसरे राज्य भी कर रहे हैं। यहां तक कि सीआईआई के सर्वे में 90 प्रतिशत लोग इससे संतुष्ट हैं। उन्होंने प्रदेश की सर्वोत्तम उद्योग नीति, निवेश प्रोत्साहन नीति, अन्य उद्योगों के लिए वन स्टॉप शॉप जेसे अभिनव प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही एक निश्चित क्षेत्रफल तक उद्योग स्थापना के लिए लैण्डयूज परिवतर्नन की बाध्यता समाप्त किए जाने के बारे में भी जानकारी दी।
सीआईआई नॉर्थ रीजन के उपाध्यक्ष श्री निखिल स्वाहने ने कहा कि इंडिया की ग्रोथ स्टोरी एमएसएमई के बिना अधूरी है। लेकिन अभी इस क्षेत्र में कई समस्याएं बनी हुई हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में अपर्याप्त प्रशिक्षण, तकनीकी एवं रिसर्च की कमी, बैंकिंग, ऋण, वित्तीय प्रबन्धन, मार्केटिंग, क्रेडिट की समस्याओं को रेखांकित किया। सीआईआई राजस्थान कौंसिल के अध्यक्ष श्री आनन्द मिश्रा ने सत्र का संचालन किया। धन्यवाद सीआईआई राजस्थान ने दिया।