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जयपुर. संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि पिछला साल प्रदेश में जेल सुधार, भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही और कानून व्यवस्था के लिए नवाचारों एवं कठोर निर्णयों के नाम रहा। उन्होंने बंदी खुराक भत्ता 30 रूपये से बढ़ाकर 70 रूपये करने की घोषणा की। इसके लिए 25 लाख रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है। पुलिस कल्याण निधि में 50 लाख रूपये, पुलिस स्पोट्र्स फण्ड में 1 करोड़ रूपये की राशि एवं पुलिस उत्सव फण्ड में 50 लाख रूपये की राशि प्रदान करने की घोषणा की गई।
संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल शुक्रवार को विधानसभा में मांग संख्या-16 पुलिस एवं मांग संख्या-17 कारागार की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। बहस के बाद सदन ने पुलिस की 70 अरब 46 करोड़ 87 लाख 15 हजार रुपये एवं कारागार की 1 अरब 99 करोड़ 35 लाख 11 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
श्री धारीवाल ने कारागार विभाग के बारे में बताया कि गत वर्ष में जेलों में मादक पदार्थ, हथियार एवं मोबाइल मिलने की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-18 के दौरान जेलों में मादक पदार्थ मिलने के 61 प्रकरण सामने आए, जबकि जनवरी, 2019 के बाद केवल 9 मामले आए। वर्ष 2013-18 के दौरान हथियार मिलने के 20 प्रकरण सामने आए, जबकि जनवरी, 2019 के बाद केवल एक चाकू का मामला सामने आया। इसी प्रकार 2013-18 के दौरान 1987 मोबाइल मिले, जबकि जनवरी, 2019 के बाद 263 पकड़े गए।
जेल विकास बोर्ड का गठन
उन्होंने बताया कि कारागारों में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा बढ़ाई गई है। कारागारों में 8 नए बंदी बैरक व 7 उप कारागृह निर्माण करवाये गए। महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन पर 120 बन्दियों को सजा पूर्व रिहा किया गया। प्रदेश में जेल विकास बोर्ड का गठन किया गया। ई-प्रीजन की शुरुआत करने से बन्दियों के बारे में पूरी जानकारी मिलने लगी है। कारागारों के पास 4 पेट्रोल पंप शुरू करने से कैदियों को रोजगार मिल रहा है।
एसीबी द्वारा 424 प्रकरण दर्ज एवं 347 प्रकरण निस्तारित
उन्होंने एसीबी की ओर से भ्रष्टाचार रोकने के लिए की गई प्रभावी कार्यवाही को रेखांकित करते हुए सराहनीय कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एसीबी ने बजरी, जेल, नारकोटिक्स, वाणिज्य कर, परिवहन सहित अन्य विभागों में भ्रष्टाचार को उजागर किया है। केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) तक में भ्रष्टाचार का खुलासा कर अधिकारियों को पकड़ा है। उन्होंने कहा कि एसीबी की ओर से 2019 में 424 प्रकरण दर्ज किए गए एवं 347 प्रकरण निस्तारित किए जिनमें 61 नए तथा शेष पुराने शामिल हैं। टोल फ्री नंबर 1064 की सुविधा प्रारंभ की गई, ताकि आमजन आसानी से भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकें।
निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था शुरू, एसपी ऑफिसों में 187 प्रकरण दर्ज
श्री धारीवाल ने कहा कि राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कई नवाचार कर कठोर निर्णय लिए गए। उन्होंने कहा कि हमने एफआईआर दर्ज करने की अवधारणा को बदला है। एफआईआर की वृद्धि से अपराध के आंकड़े बढ़ने की परवाह किए बगैर निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की जिससे थानों में जनता की सुनवाई हुई। उन्होंने कहा कि थानाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी तय कर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर एसपी कार्यालय में दर्ज कराने की व्यवस्था शुरू की। इसकी बदौलत प्रदेश के एसपी ऑफिसों में 187 प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से केवल 10 परिवादियों को ही थानों में एफआईआर दर्ज करने से मना किया गया था। अन्य परिवादी अपनी मर्जी से सीधे एसपी कार्यालय पहुंचे, जिनकी भी एफआईआर दर्ज की गई।
28 प्रतिशत अधिक प्रकरणों का निस्तारण
उन्होंने कहा कि इससे अपराध पंजीकरण में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन 2018 की तुलना में गत वर्ष 28 प्रतिशत अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया। साथ ही धारा 156 (3) में दर्ज होने वाले प्रकरणों की संख्या 24 से गिरकर 18 फीसदी हो गए।
203 थानों में स्वागत कक्ष स्वीकृत
श्री धारीवाल ने बताया कि थानों में परिवादियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने के लिए स्वागत कक्ष बनाने की शुरूआत की गई। अब तक 203 थानों में स्वागत कक्ष स्वीकृत किए जा चुके हैं। जिला नियंत्रण कक्षों में व्हाट्सएप हेल्पलाइन प्रारंभ करने से अब आमजन फोटो व वीडियो भेज सकते हैं। गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले 300 अपराधियों के विरूद्ध हिस्ट्रीशीट खोली गई।
सभी 40 पुलिस जिलों में एसआईयूसीएडब्लू गठित
महिला अपराध नियंत्रण के लिए प्रदेश के सभी 40 पुलिस जिलों में यूनिट महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच के लिए 40 पुलिस जिलों में स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट क्राइम अगेस्ट वूमन (एसआईयूसीएडब्लू) यूनिट गठित की गई हैै। महिलाओं की सुरक्षा के लिए निःशुल्क आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 4 लाख से अधिक महिलाओं को दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 74 पुलिस कर्मियों को गेलेन्टरी अवार्ड से पदोन्नति दी गई है। गत वर्ष 300 से ज्यादा डिकॉय ऑपरेशन कर थानों में निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
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