फतहनगर। राज्य सरकार द्वारा 5 मई को अधिसूचना जारी कर मण्डी क्षेत्र में लाई गई या क्रीत-विक्रीत की गई कृषि उपज पर मण्डी समितियों द्वारा 2 रूपये प्रति सैकडा की दर से कृषक कल्याण फीस उद्रग्रहित किये जाने के प्रावधान किये गये है। स्थानीय मण्डी सचिव ने बताया कि संकलित फीस राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड के कृषक कल्याण कोष में जमा होगी, जिसका उपयोग केवल कृषक कल्याण की गतिविधियों/योजनाओं के संचालन हेतु किया जावेगा। राजस्थान में अधिसूचित कृषि जिन्सों की मण्डी शुल्क की अधिकमत दर 1.60 प्रतिशत तक है जबकि समीपस्थ राज्य पंजाब में 3 प्रतिशत, हरियाणा में 2 प्रतिशत तक व उत्तर प्रदेश में 2 प्रतिशत तक है। पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में मण्डी शुल्क के अतिरिक्त विकास शुल्क पूर्व से ही लिया जा रहा है जो क्रमशः 3 व 2 प्रतिशत है। कृषक कल्याण फीस का भार किसानों व व्यापारियों पर नही पडेगा। कृषक कल्याण फीस का उपयोग किसान कल्याण के लिये होगा। किसानों से नही वसूल की जायेगी। यह फीस क्रेता व्यापारी द्वारा देय होगी।