फतहनगर। खैंखरा के अवसर पर शुरू हुए अन्नकूटोत्सव के तहत सोमवार की शाम आंवला नवमी पर यहां के अखाड़ा मंदिर पर छप्पनभोग का आयोजन किया गया। मंदिर मण्डल के तत्वावधान में आयोजित अन्नकूट के तहत छप्पनभोग के लिए रविवार सुबह व्यजंन तैयार किए गए। कोरोना के चलते यहां भी महज प्रभु के समक्ष छप्पनभोग ही सजा। इसके लिए प्रभु के निज मंदिर के सामने ही भगवान सत्यनारायण की झांकी सजी तथा छप्पनभोग धराया गया। छप्पनभोग सजने के बाद महन्त रामचन्द्रदास द्वारा सायं सवा सात बजे महा आरती की गयी। आरती के बाद छप्पनभोग का प्रसाद वितरण किया गया। कोरोना गाइड लाइन के अनुसार गिनती के लोग ही प्रभु की आरती एवं छप्पनभोग कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मंदिर की विद्युतसज्जा की गई। यहां प्रति वर्ष आंवला नवमी के अवसर पर 35-40 क्विंटल सब्जी का अन्नकूट भी वितरण होता आया है लेकिन इस बार सब्जी का अन्नकूट स्थगित रख कर छप्पनभोग की परम्परा का ही आंशिक निर्वहन किया गया।
इधर आंवला नवमी पर अखाड़ा मंदिर पर स्थित श्यामसुन्दर वाटिका में आंवली का पूजन किया गया। सुबह से ही महिलाएं सज धजकर हाथों में पूजन की थालियां लिए वाटिका पहुंची तथा आंवली पूजन एवं कथा श्रवण किया। आंवली पूजन दोपहर तक चलता रहा। महिलाओं ने इस दौरान मंदिर में कद्दू एवं आंवले भी प्रभु चरणों में अर्पित किए। इसी तरह से यहां के द्वारिकाधीश मंदिर में आंवला नवमी पर विशेष श्रृंगार धराया गया। नवनीत प्रियाजी के संग ठाकुरजी को विराजित किया गया। कानों में कुण्डल,हाथों में शंख,चक्र एवं गदा सुशोभित किए गए। गले में आंवलों की मालाएं सजी तथा सायंकाल महाआरती एवं प्रसाद वितरण किया गया। आंवला नवमी पर यहां भी लोग प्रभु दर्शनों के लिए आते रहे।