फतहनगर। पूर्व नेता प्रतिपक्ष शैलेश पालीवाल ने कोरोना महामारी के दौर में यहां के धुनी पर नकारा पड़े भवन के उपयोग का रास्ता सुझाते हुए सोशल मीडिया पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संसाधन होते हुए भी फतहनगर इस महामारी मे पिछड़ में रहा है।
इच्छा है तो सिर्फ कार्य करने की। फतहनगर को भामाशाह की नगरी धर्म की नगरी से पहचाना जाता है पर फिर भी आज इस महामारी में फतहनगर पिछड़ रहा है!
क्यों नहीं इस महामारी में एक ऐसा कार्य किया जाए जो की मिसाल बनकर सभी के उपयोगी हो जाए फतहनगर में धुणी बावजी के यहां 5 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ राजस्थान सरकार व नगर पालिकाफ़तहनगर सनवाड द्वारा बनाया हुआ प्राथमिक चिकित्सालय फ़तहनगर बना हुआ जो कि आज तक ट्रोमा सेंटर के नाम से उलझा हुआ है!
और इसी कारण फाइलों में दबकर रह गया है क्योंकि किसी का ध्यान आज दिन तक वहां नहीं गया और अगर किसी ने कोशिश भी करी तो भी किसी कारणवश वह चालू नहीं हो सका। मेरा मानना है कि इस महामारी के समय जन सहभागिता और नगरपालिका फ़तहनगर सनवाड के माध्यम से फतहनगर हॉस्पिटल को शिफ्ट करके आप सी सहयोग के माध्यम से उसका विकास कराया जाएऔर मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे। जैसे ईसीजी मशीन, एक्स रे मशीन, सभी तरह की जांच की मशीनें ,आक्सीजन बेड वार्ड और आइसोलेशन सेंटर आदि का चालू किया जावे जिससे यहां के रोगियों को सही उपचार मिल सके और लाभ ले सके!!
यह कार्य कोई बड़ा कार्य नहीं है सिर्फ इच्छाशक्ति की कमी है। मेरा मानना है कि इस समय में अपना हॉस्पिटल अगर किसी बड़ी जगह पर जैसे धूणी पर शिफ्ट हो जाता है तो फतहनगर के कई भामाशाह आगे आकर उसमें संसाधनों की उपलब्धता करवाएंगे एवं कई सामाजिक संस्थाएं भी आगे आकर यह सेवा कार्य करेंगे!
हम यह कर भी सकते हैं:
तो मेरा निवेदन है कि इस और भी ध्यान देने की जरूरत है ताकि जगह की उपलब्धता होते हुए एक अच्छा हॉस्पिटल बन सके। पालीवाल ने कहा कि यह मेरी व्यक्तिगत राय है। अस्पताल को जल्द से जल्द इस बिल्डिंग में शिफ्ट कर चालू किया जाए।