नई दिल्ली.प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात तौकते के कारण उत्पन्न हुई परिस्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को गुजरात का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने गुजरात और दीव स्थित उना (गिर-सोमनाथ), जाफराबाद (अमरेली), महुआ (भावनगर) में चक्रवात तौकते से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण के बाद, उन्होंने गुजरात और दीव में राहत और पुनर्वास के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा करने के लिए अहमदाबाद में एक बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री ने गुजरात राज्य में तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने कहा, केन्द्र सरकार एक अंतर-मंत्रीमंडलीय टीम का गठन करेगी, ये टीम तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य का दौरा करेगी, जिसके आधार पर राज्य को आगे भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार इस कठिन परिस्थिति में राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी। केन्द्र सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की बहाली और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया। अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री ने राज्य में कोविड महामारी की स्थिति का भी जायजा लिया। प्रशासन ने कोविड महामारी की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने कोविड से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री के इस गुजरात दौरे में उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी और अन्य अधिकारी शामिल थे।
प्रधानमंत्री ने भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में चक्रवात तौकते से प्रभावित होने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदना और इस आपदा में अपनी जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान राज्यों और दमन एवं दीव, और दादर एवं नागर हवेली में चक्रवात तौकते के कारण मरने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों के परिजनों को 50 हजार रुपये का अनुग्रह राशि के रूप में मुआवजा देने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चक्रवात के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार और प्रभावित राज्यों की सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही राज्य सरकारें अपने यहां होने वाले नुकसान का आकलन केन्द्र सरकार के साझा करेंगे, उसके तुरंत बाद इन राज्यों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन से संबंधित और अधिक वैज्ञानिक अध्ययन की दिशा में लगातार कार्य करना होगा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में तीव्र गति से राहत और बचाव सुनिश्चित करने के लिए अंतर-राज्य समन्वय बढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक संचार तकनीकों का उपयोग करने पर अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त घरों और संपत्तियों की मरम्मत करने पर भी तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया।