फतहनगर । जैन स्थानक में धर्म सभा को संबोधित करते हुए गुरुदेव कोमल मुनि जी म. सा ने फ़रमाया कि सभी व्यक्ति सुख की अभिलाषा रखते हैं किंतु सुख रूप कारणों को अपनाने का भरपूर प्रयास नहीं करते जो कारण रूप में नहीं है । उन्हें 24 घंटे अपनाने की कोशिश करते हैं, ये तो ऐसा हुआ जैसे सूखे पेड़ के नीचे गहरी छाया की अभिलाषा रखने जैसा हुआ, अनादि दुखों को दूर करने के लिए मनुष्य को धर्म का पुरुषार्थ करना ही होगा तभी सच्चा सुख प्राप्त होगा, इंद्रिय के विषयों
को कम करना ही सुख का कारण बन सकता है
गुरुदेव सौभाग्य मुनि जी म. सा. ने लिखा है कि
कंचन मेरु कोटी खड़े हैं किंतु चाहा कि थान होगी
आशाओं के अनुबंधों में निजा मस्ती की राह न होगी
जग के प्रति दासत्व मिटेगा तो अपने में आ जाएगा
चट्टानों को तोड़ने तो अनायास ही आ जाएगा
धीरज मुनि जी म. सा. एवं रमेश मुनि जी म. सा ने भी अपने विचार रखे
और आज गुरुदेव के सानिध्य में सामयिक व्रत का भी आयोजन हुआ उसमे सैकड़ों श्रावक श्राविका ने भाग लेकर धर्म आराधना की ।