नई दिल्ली । प्रधानमंत्री ने मंडी में जलविद्युत परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। कुछ जलविद्युत परियोजनाएं हैं– लूहरी चरण 1 जल विद्युत परियोजना और धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लोगों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ सुनिश्चित करना, प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है और इसमें बिजली क्षेत्र बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। आज शुरू की गई जल विद्युत परियोजनाएं, पर्यावरण-अनुकूल विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री ने न्यू इंडिया की बदली हुई कार्यशैली के बारे में बताया। उन्होंने उस गति के बारे में बात की, जिसके जरिये भारत अपने पर्यावरण संबंधी लक्ष्यों को पूरा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि “भारत ने 2016 में ये लक्ष्य रखा था कि वो साल 2030 तक, बिजली की कुल स्थापित क्षमता का 40 प्रतिशत, गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से पूरा करेगा; आज हर भारतीय को इसका गर्व होगा कि भारत ने अपना ये लक्ष्य, इस साल नवंबर में ही प्राप्त कर लिया है।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “पूरा विश्व भारत की इस बात की प्रशंसा कर रहा है कि हमारा देश किस तरह पर्यावरण को बचाते हुए विकास को गति दे रहा है। सौर ऊर्जा से लेकर पनबिजली तक; पवन ऊर्जा से लेकर ग्रीन हाइड्रोजन तक; देश नवीकरणीय ऊर्जा के हर संसाधन का पूरी तरह इस्तेमाल करने के लिए निरंतर काम कर रहा है।”