फतहनगर। भगवान पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक पर बुधवार को श्रावक श्राविकाओं ने धर्म आराधना की। श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्यमुनि एवं मदनमुनि के शिष्य श्रमण संघ के उप प्रवर्तक कोमलमुनि के सानिध्य में सामूहिक जाप का आयोजन किया गया।
आज प्रातः जैन स्थानक में धर्मसभा को संबोधित करते हुए गुरुदेव कोमल मुनि म. सा ने फ़रमाया कि हमारे आस्था के केंद्र 23 वे तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का जन्म कल्याणक दिवस है। उनके प्रति हमें आस्थावान होना है, निष्ठावान होना है। जो व्यक्ति शांत है उसके जीवन में बाहर का वातावरण कोई मायने नहीं रखता। वह व्यक्ति ही सत्पुरुष बन सकता है।
उन्होने कहा कि जो व्यक्ति स्वयं तिरते हैं एवं औरों को भी तिरने का मार्ग बताते हैं ऐसे महापुरुष का मिलना अति दुर्लभ है और उनकी वाणी अवश्य हमारे हित का कारण बनती है। लघुता से ही प्रभुता हमें मिलती है। इसलिए हमेशा लघु बने रहो अर्थात छोटे बने रहो। जिसमे प्रभुता होती है वह छोटे से छोटे जीवो का भी कल्याण करता है। भगवान पार्श्वनाथ ने नाग एवं नागिन को नवकार महामंत्र का पाठ सुनाया एवं उनका उद्धार किया, इसलिए हमें आज जीव दया का संकल्प लेना चाहिए। जितनी जीव दया का भाव रखेंगे उतनी प्रभु की कृपा दृष्टि होगी।
धीरज मुनि म. सा. एवं रमेश मुनि म.सा. ने भी धार्मिक प्रवचन दिया।
फतहनगर - सनवाड