जयपुर, 6 जनवरी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा के निर्देश पर चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री वैभव गालरिया ने प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए गुरुवार को विभाग के सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की।
प्रमुख शासन सचिव ने स्वास्थ्य भवन में सम्बंधित सभी अधिकारियों को आगामी एक से डेढ़ माह पूरी तरह सजग और सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। बैठक में कोरोना के उपचार में काम आने वाली दवा, टेस्टिंग किट्स, ऑक्सीजन प्लांट्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 332 चयनित चिकित्सा संस्थानों में एचडीयू बेड की उपलब्धता, कोविड वैक्सीनेशन सहित कई अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
श्री गालरिया ने कोरोना में काम आने वाली फाइव ड्रग मेडिसिन किट, एन 95 मास्क, रेमडिसिविर इंजेक्शन तथा अन्य जीवन रक्षक दवाओं का एक से डेढ़ महीने तक का स्टॉक रखने की निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी का सर्वाधिक सामना किया था। प्रदेश में 460 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांटस ने काम करना शुरू कर दिया है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य उपकरणों से प्रदेश में 1000 मेट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगी।
प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि वर्तमान में 58 हजार से ज्यादा जांचें प्रतिदिन की जा रही है। आने वाले समय में इनकी संख्या एक लाख तक हो सकती है। उन्होंने अधिकारिओं को पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग किट उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां सैंपल आने जाने में समय लगता है, वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
चिकित्सा सचिव ने अस्पतालों में लगे हुए वेंटिलेटर अन्य उपकरणों की मॉक ड्रिल करने के भी निर्देश दिए ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत काम में लिया जा सके। उन्होंने ऑक्सीजन प्लांटस, आईसीयू, वेंटीलेटर को संचालित करने वाले कार्मिकों के प्रशिक्षण में भी गति लाने के निर्देश दिए।
बैठक में एमडी एनएचएम श्रीमती अरुणा राजोरिया, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती अनुपमा जोरवाल, श्री रविंद्र शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण डॉ रवि प्रकाश शर्मा, सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।