नई दिल्ली ।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तमिलनाडु में 11 नए मेडिकल कॉलेजों और केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान (सीआईसीटी) के एक नए परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया, डॉ एल. मुरुगन और डॉ. भारती पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम. के. स्टालिन उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन और केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नए भवन का उद्घाटन होने से हमारे समाज को स्वास्थ्य सुविधा मिलने के साथ-साथ हमारी संस्कृति के साथ हमारा संबंध मजबूत हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों की कमी बहुत लंबे समय से एक मुद्दा बनी हुई है और वर्तमान सरकार ने इस महत्वपूर्ण कमी को दूर करने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में 387 मेडिकल कॉलेज थे। पिछले सात सालों में ही यह संख्या बढ़कर 596 मेडिकल कॉलेज हो गई है। यह 54 प्रतिशत की वृद्धि है। 2014 में, भारत में लगभग 82 हजार मेडिकल स्नातक और स्नातकोत्तर सीटें थीं। पिछले सात सालों में यह संख्या बढ़कर करीब 1 लाख 48 हजार सीटों तक पहुंच गई है। यह लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में सिर्फ सात एम्स थे। लेकिन 2014 के बाद स्वीकृत एम्स की संख्या 22 हो गई है। साथ ही, चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न सुधार किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में एक बार में 11 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करके, उन्होंने एक तरह से अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया, जब उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश में 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दो महत्वाकांक्षी जिलों रामनाथपुरम और विरुधुनगर के साथ-साथ नीलगिरी के पहाड़ी जिले में कॉलेजों की स्थापना से क्षेत्रीय असंतुलन को दूर किया जा रहा है।