चितौडगढ़। कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किये बजट पर प्रतिकिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किया बजट तथ्यहीन व विजन विहिन घोषणाओ का पुलिंदा है। इसमे न तो कोई विजन है न ही तथ्यात्मक रुप से सही है। बजट को कपोल कल्पित घोषणाओं का आधार बताया। गहलोत सरकार द्वारा राजस्थान का जो बजट पेश किया गया है वो इस सरकार के पिछले बजटों की तरह मात्र घोषणाएं करके भूल जाने वाला ही बजट है। पिछले तीन साल से यह सरकार बजट में सिर्फ और सिर्फ बड़ी.बड़ी घोषणाएं करके वाह.वाही लूट रही हैं। अभी तक पिछली बजटों की घोषणाएं भी धरातल पर दिख ही नहीं रही है। 2021 मे 2.08 हजार करोड़ व्यय घोषित किया वही 2022 मे 2.15 हजार करोड़ 2023 मे 2.33 हजार करोड़ व्यय घोषित किया है । लेकिन वर्तमान मे कि गयी घोषणाएं क्या 13000 करोड़ मे पुरी हो पायेगी । पिछले बजट मे कि गयी जनता क्लिनिक की घोषणा की लेकिन वो भी धरातल पर नही आई ।
ज्यों ज्यों 2023 नजदीक आ रहा है फिर लोगों को भुलावे में डालने के लिए लोक लुभावन घोषणा की जा रही है। मुख्य मंत्री महोदय विद्यालय क्रमोन्नयन के साथ शिक्षकों की भी जरूरत होती है जिनकी भर्ती आप तीन साल से कर नहीं पाए। न पिछली घोषणाएं जमीन पर उतर पाई और नई घोषणाएं करके जनता को बहलाने का असफल प्रयास। मुख्य मंत्री जी से निवेदन कि जन घोषणा पत्र के वादे और पूर्व की घोषणाओं को तो पूरी करें तब जाकर जनता विश्वास करेगी। बार बार घोषणाओं से जनता को इस बार ठग नहीं पाओगे। यदि अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय ही देने है तो नए विद्यालय बनावो हिंदी माध्यम के विद्यालयों को अंग्रेजी में परिवर्तित कर हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों को दस दस किलोमीटर दूर की स्कूल में जाने के लिए मजबूर न किया जाय।
स्कूलों में मास्टर नहीं अस्पतालों में डॉक्टरोंए मेडिकल कर्मियों की कमीए पंचायतों से लेकरए,तहसीलों, एसडीएम कार्यलय, नगरपालिकाओं में कर्मचारियों की कमीए सरकारी काम के लिए दर दर भटकते नागरिक। अब इन झूठी घोषणाओं के बहकावे में जनता आने वाली नहीं है। क्या बताएं हर तरफ लूट मची है। भ्रष्टाचार चरम परए दरिंदों के हाथों इज्जत लुटवाती कराहती बेटियां। माफियाओं की दादागिरी कब तक झूठी घोषणाओं से मन बहलाएगी ये कॉग्रेस सरकार। अंत में पिछली घोषणाओं के अंबार के नीचे दबी सरकार नई नई घोषणाएं कर जनता को भूल भुलैया में डाल कर फिर ठगने का असफल प्रयास कर रही है।
मात्र एक घोषणा जिसमें कर्मचारियों की लंबे समय से चल रही मांग पुरानी पेंशन लागू करने संबंधी हुई है पर इसमें भी जादूगरी है जीरो बजट यानी 2004 के बाद भर्ती हुए कोई भी कर्मचारी इनके कार्यकाल में न सेवानिवृत होने वाले हैं और न ही सरकार पर कोई वित्तीय भार आयेगा। पर इस घोषणा की सभी कर्मचारियों द्वारा स्वागत हुआ है।
वहीं कांग्रेस ने सत्ता में आते ही 10 दिनों के भीतर संपूर्ण किसान कर्जमाफी का वादा किया था। अब तो प्रदेश का कृषि बजट अलग से प्रस्तुत भी किया गया। लेकिन हमारे किसान भाइयों के साथ फिर से वादा खिलाफी की गई। प्रदेश के अन्नदाताओं को संपूर्ण कर्ज माफी को लेकर निराशा ही हाथ लगी। कृषि बजट में मात्र केवल पुरानी योजनाओं को नए लेबल के साथ प्रस्तुत किया गया है
ज्यों ज्यों 2023 नजदीक आ रहा है फिर लोगों को भुलावे में डालने के लिए लोक लुभावन घोषणा की जा रही है। मुख्य मंत्री महोदय विद्यालय क्रमोन्नयन के साथ शिक्षकों की भी जरूरत होती है जिनकी भर्ती आप तीन साल से कर नहीं पाए। न पिछली घोषणाएं जमीन पर उतर पाई और नई घोषणाएं करके जनता को बहलाने का असफल प्रयास। मुख्य मंत्री जी से निवेदन कि जन घोषणा पत्र के वादे और पूर्व की घोषणाओं को तो पूरी करें तब जाकर जनता विश्वास करेगी। बार बार घोषणाओं से जनता को इस बार ठग नहीं पाओगे। यदि अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय ही देने है तो नए विद्यालय बनावो हिंदी माध्यम के विद्यालयों को अंग्रेजी में परिवर्तित कर हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों को दस दस किलोमीटर दूर की स्कूल में जाने के लिए मजबूर न किया जाय।
स्कूलों में मास्टर नहीं अस्पतालों में डॉक्टरोंए मेडिकल कर्मियों की कमीए पंचायतों से लेकरए,तहसीलों, एसडीएम कार्यलय, नगरपालिकाओं में कर्मचारियों की कमीए सरकारी काम के लिए दर दर भटकते नागरिक। अब इन झूठी घोषणाओं के बहकावे में जनता आने वाली नहीं है। क्या बताएं हर तरफ लूट मची है। भ्रष्टाचार चरम परए दरिंदों के हाथों इज्जत लुटवाती कराहती बेटियां। माफियाओं की दादागिरी कब तक झूठी घोषणाओं से मन बहलाएगी ये कॉन्ग्रेस सरकार। अंत में पिछली घोषणाओं के अंबार के नीचे दबी सरकार नई नई घोषणाएं कर जनता को भूल भुलैया में डाल कर फिर ठगने का असफल प्रयास कर रही है।
मात्र एक घोषणा जिसमें कर्मचारियों की लंबे समय से चल रही मांग पुरानी पेंशन लागू करने संबंधी हुई है पर इसमें भी जादूगरी है जीरो बजट यानी 2004 के बाद भर्ती हुए कोई भी कर्मचारी इनके कार्यकाल में न सेवानिवृत होने वाले हैं और न ही सरकार पर कोई वित्तीय भार आयेगा। पर इस घोषणा की सभी कर्मचारियों द्वारा स्वागत हुआ है |
वहीं कांग्रेस ने सत्ता में आते ही 10 दिनों के भीतर संपूर्ण किसान कर्जमाफी का वादा किया था। अब तो प्रदेश का कृषि बजट अलग से प्रस्तुत भी किया गयाए लेकिन हमारे किसान भाइयों के साथ फिर से वादा खिलाफी की गई। प्रदेश के अन्नदाताओं को संपूर्ण कर्ज माफी को लेकर निराशा ही हाथ लगी। कृषि बजट में मात्र केवल पुरानी योजनाओं को नए लेबल के साथ प्रस्तुत किया गया है