जयपुर। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ के जांच दल ने आज शुक्रवार को जयपुर जिले में बहुमूल्य सोना, चांदी, डायमंड की मात्रा करने में प्रयुक्त स्पेशल एवं हाई एक्यूरेसी मशीनों की विभिन्न प्रतिष्ठित ज्वेलर्स के यहां जांच की।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि खाद्य मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास के निर्देशों पर यह कार्यवाही की गई। उन्होंने बताया कि कार्यवाही के दौरान मैसर्स मोती संस प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स सुराणा ज्वेलर्स ऑफ जयपुर पर तौलन यंत्रों की क्षमता का 10% टेस्ट बाट उपलब्ध नहीं होने पर प्रकरण दर्ज किया गया।सुदर्शनपुरा स्थित यू.वी. ओवरसिस पर 2 मशीनें बिना सत्यापन कराए उपयोग में ली जा रही थी। कालाजी ज्वेलरी पर असत्यापित बाट पाए गए। इसी प्रकार विनायक ज्वैल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 3 मशीनें बिना सत्यापन कराए उपयोग में ली जा रहीं थीं। इन सभी मामलों में प्रकरण दर्ज किए गए।
श्री जैन ने बताया कि गोसिल एक्सपोर्ट पर 23 मशीनों की जांच में प्रावधानों की अवहेलना पाए जाने पर जब्ती की कार्यवाही की। उल्लेखनीय है कि गोसिल एक्सपोर्ट जैसी बड़ी फर्म पर जांच दल द्वारा यह बड़ी कार्यवाही की गई है। तनिष्क ज्वेलर्स पर निरीक्षण के दौरान बाट व माप का सत्यापन सही पाया गया।
शासन सचिव ने बताया कि उपभोक्ताओं के बाट और माप के संबंध में हितों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए राज्य स्तरीय पांच दलों का गठन किया गया है। इन जांच दलों द्वारा नियमित कार्यवाही की जाएगी। विधिक मापविज्ञान प्रकोष्ठ के उप नियंत्रक श्री चंदीराम जसवानी को जांच दलों का पर्यवेक्षण प्रभारी नियुक्त किया गया है।
*असत्यापित बाट या माप के प्रयोग पर सख्त कार्यवाही**
श्री जैन ने कहा कि ऐसी फर्म जिनके द्वारा अमानक बाट का उपयोग किया जा रहा है उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। बाट या माप के संबंध में अमानक बाट या असत्यापित बाट मिलने पर जब्ती की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि गंभीर अनियमितता पर न्यायालय में ऐसी फर्मों के विरुद्ध चालान भी पेश किए जाएंगे।
*विभागीय एप्प ई-तुलामान पर करें आवेदन*
शासन सचिव ने कहा कि जो फर्म अभी तक असत्यापित बाट या माप का उपयोग कर रहीं हैं, वे सत्यापन के लिए तत्काल स्वयं की एसएसओ आईडी बनाकर विभागीय ऐप ई-तुलामान पर अपना आवेदन स्वयं या ई मित्र के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसा ना करना विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
शासन सचिव ने बताया कि बाट या माप के संबंध में उपभोक्ताओं द्वारा शिकायतें राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 18001806030 एवं ईमेल आईडी stateconsumerhelpline.raj@gmail.com भी दर्ज कराई जा सकती हैं।