युवाओं को मिलेगा संबल, स्टाफ की कमी का होगा समाधान
उदयपुर, 4 मार्च। जिला स्तरीय जनसुनवाई के दौरान जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने मौजूद जिला स्तरीय अधिकारियों और वीसी से जुड़े उपखण्ड स्तरीय अधिकारियों को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युवा बेरोजगारों को संबल प्रदान करने के लिए यह योजना चलाई है। इस योजना में पंजीकृत युवाओं का राजकीय कार्य में उपयोग लेकर उन्हें प्रोत्साहित किया जा सकता है।
कलक्टर ने कहा कि अक्सर हमारे समक्ष स्टाफ की कमी की समस्या रहती है ऐसे में इस योजना में पंजीकृत योग्य व प्रशिक्षित बेरोजगारों को सेवा का अवसर प्रदान किया जा सकता है। इससे योजना का उद्देश्य साकार होगा, युवाओं को संबल भी मिलेगा और स्टाफ की कमी की समस्या का समाधान भी होगा। कलक्टर ने विभागवार प्राप्त सूची के अनुसार आशार्थी उपलब्ध कराने, निर्धारित प्रपत्र में उपस्थिति रखने के भी निर्देश दिए।
जिला कलक्टर के निर्देश पर रोजगार विभाग के प्रभारी पीपी शर्मा ने बताया कि जिले में 3500 बेरोजगार विभाग में पंजीकृत है और इसमें से 2 हजार युवाओं ने इस योजना से जुड़ने की सहमति दी है। विभाग ने 1200 युवाओं को विभाग आवंटित करते हुए इंटर्नशिप के लिए नियुक्त किया जा चुका है। कलक्टर ने विभागों को निर्देश दिए कि वे आवंटित युवाओं से संपर्क करते हुए अपने-अपने विभाग में उनको कार्यग्रहण करवाएं। इसके साथ ही कलक्टर ने समस्त विभागों को भी कहा कि वे जल्द से जल्द अपने विभाग में इस प्रकार के युवाओं की मांग प्रेषित करें ताकि उन्हें युवा आवंटित किए जा सके।
राजस्थान मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अंतर्गत इंटर्नशिप प्रक्रिया
पीपी शर्मा ने बताया कि बेरोजगारी भत्ते की स्वीकृति होने के पश्चात आवेदक को इंटर्नशिप करना अनिवार्य है। इंटर्नशिप किसी भी राजकीय विभाग अथवा उपक्रम में प्रतिदिन 4 घंटे की सेवाएं प्रदान करके की जाएगी। इंटर्नशिप को भत्ता प्राप्ति अवधि तक निरंतर जारी रखना अनिवार्य है। यह अवधि अधिकतम 2 वर्ष की होगी। यदि इंटर्नशिप बीच में समाप्त कर दी जाती है तो इस स्थिति में भत्ता बंद कर दिया जाएगा एवं पुनः आवेदन अथवा भत्ता प्राप्ति के लिए अयोग्य माना जाएगा। इंटर्नशिप कार्यालय समय में की जाएगी। यदि इंटर्नशिप प्राप्त करने वाले बेरोजगार नागरिक माह में एक दिवस अनुपस्थित रहते हैं तो इस स्थिति में भत्ता नहीं काटा जाएगा। प्रतिमाह इंटर्नशिप करने का प्रमाण पत्र 5 तारीख तक अपनी एसएसओ आईडी पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। यह प्रमाण पत्र केवल बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिए ही मान्य होगा। इस प्रमाण पत्र के आधार पर अन्य किसी नौकरी में प्राथमिकता अथवा श्रम या अन्य कानून के अंतर्गत दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। जिला रोजगार कार्यालय पोर्टल पर अपलोड किए गए प्रमाण पत्रों की जांच कर बेरोजगारी भत्ता का भुगतान किया जाएगा। इसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा योजना की मॉनिटरिंग एवं विभागों में इंटर्नशिप प्रदान की जाएगी। जिला कलेक्टर द्वारा इंटर्नशिप कराने के लिए निर्देश जारी किए जाएंगे।
आवश्यक दस्तावेजों के साथ करना होगा ऑनलाइन आवेदन
पात्र प्रार्थी को बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए स्थानीय रोजगार कार्यालय जहां वह पंजीकृत है, ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र के साथ आवश्यक प्रमाण पत्र दस्तावेज ई-साइन कर अपलोड करने होंगे। जिनमें निःशक्त प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र व विवाहित महिला प्रार्थी के लिए पति का राजस्थान का मूल निवास प्रमाण या विवाह प्रमाण पत्र जन्मतिथि के संबंध में सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण प्रमाणपत्र या अंक तालिका, स्नातक परीक्षा उत्तर संबंधी अंकतालिका या डिग्री, भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में अनुसूचित किसी एक बैंक में एकल बचत बैंक खाते की पासबुक की प्रति, प्रार्थी के पारिवारिक वार्षिक आय के संबंध में तहसीलदार व नोटरी पब्लिक द्वारा प्रमाणित प्रपत्र 1 व दो उत्तरदायी व्यक्तियों से प्रमाणित प्रमाण पत्र (प्रपत्र 2) अनुसूचित जाति व जनजाति की दशा में सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, कौशल या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र व हिंदी में स्वघोषणा पत्र अनिवार्य होगा।